विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बृहस्पतिवार को ब्रिटेन के अपने समकक्ष डेविड लैमी के साथ फोन पर बातचीत के दौरान बांग्लादेश में उभरते हालात पर चर्चा की।
एस. जयशंकर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने और लैमी ने पश्चिम एशिया के घटनाक्रम पर भी विचार-विमर्श किया। जयशंकर ने कहा, ‘‘आज ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी से फोन पर बात हुई। बांग्लादेश और पश्चिम एशिया की स्थिति पर चर्चा हुई।’’
जयशंकर और ब्रिटिश विदेश मंत्री के बीच यह बातचीत बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की लंदन में शरण लेने की प्रारंभिक योजना की पृष्ठभूमि में हुई है। ब्रिटेन द्वारा हालांकि उन्हें शरण देने में संकोच किये जाने के कारण यह योजना अवरुद्ध हो गई है। नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर चली गईं। पद से इस्तीफा देने के कुछ ही समय बाद 76 वर्षीय हसीना लंदन जाने की योजना के साथ दिल्ली के निकट हिंडन स्थित वायुसैनिक अड्डे पर उतरी थीं। यह योजना सफल नहीं हो सकी क्योंकि ब्रिटेन ने संकेत दिया कि उन्हें (शेख हसीना) अपने देश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों की किसी भी संभावित जांच के खिलाफ कानूनी संरक्षण नहीं मिल सकता है।
लैमी ने सोमवार को लंदन में एक बयान में कहा था कि बांग्लादेश में पिछले दो सप्ताह में हुई जबरदस्त हिंसा में जानमाल की काफी क्षति हुई है तथा देश ‘‘घटनाओं की संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में पूर्ण एवं स्वतंत्र जांच का हकदार है।’’ ऐसा कहा जा रहा है कि हसीना शरण लेने के लिए संयुक्त अरब अमीरात, बेलारूस, कतर, सऊदी अरब और फिनलैंड समेत कई विकल्पों पर विचार कर रही हैं।