विदेशमंत्री डॉक्टर सु्ब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा है कि इस्लामाबाद में 15 और 16 अक्तूबर को शंघाई सहयोग संगठन की आगामी शिखर बैठक के दौरान भारत, पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों के बारे में चर्चा नहीं करेगा। नई दिल्ली में आज आई सी सेंटर फॉर गवर्नेंस द्वारा आयोजित शासन संबंधी सरदार पटेल व्याख्यान में भाग लेते हुए उन्होंने मीडिया से बातचीत की। डॉक्टर जयशंकर ने जोर देकर कहा कि शिखर बैठक में उनकी भागीदारी बहुपक्षीय संबंधों पर केन्द्रित रहेगी।
डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि सार्क के मामले में प्रगति नहीं हो रही है क्योंकि हाल के वर्षों में बैठकें नहीं हो पाई हैं। उन्होंने कहा कि इसका कारण एक सदस्य देश दूसरे देश के विरूद्ध सीमापार आतंकवाद में संलिप्त है। कार्यक्रम के दौरान डॉक्टर जयशंकर ने विवादों विशेषकर जम्मू कश्मीर से संबंधित विवाद में संयुक्त राष्ट्र को शामिल करने के विरूद्ध सरदार पटेल के ऐतिहासिक दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यों से विदेशी ताकतों को परिस्थिति में जोडतोड करने का अवसर मिल जाता है। विदेशमंत्री ने कहा कि किसी भी अन्य पडोसी की तरह भारत, पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध चाहता है लेकिन सीमापार आतंकवाद की अनदेखी नहीं की जा सकती। सरदार पटेल के व्यवहारिक दृष्टिकोण का जिक्र करते हुए उन्होंने वास्तविकता के महत्व को भारत की विदेश नीति का आधार बताया।