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Election Commission of India
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निर्वाचन आयोग ने बिहार, हरियाणा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के क्षेत्र स्तरीय निर्वाचन अधिकारियों के नए बैच के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किया

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने आज नई दिल्ली स्थित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) में हरियाणा और दिल्ली के बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ), बीएलओ पर्यवेक्षकों, निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) के लिए दो दिवसीय क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

कुल 371 जमीनी स्तर के चुनाव अधिकारी (बिहार से 306 बीएलओ; हरियाणा से 30 ईआरओ और बीएलओ पर्यवेक्षक; दिल्ली के एनसीटी से 35 ईआरओ और बीएलओ पर्यवेक्षक) प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। वर्तमान बैच सहित, पिछले दो महीनों में ईसीआई द्वारा नई दिल्ली में 2,600 से अधिक क्षेत्रीय अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है।

अपने उद्घाटन भाषण में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बीएलओ को जल्द ही मानक पहचान पत्र जारी किए जाएंगे ताकि घर-घर जाकर सत्यापन के दौरान उनका काम आसान हो सके। उन्होंने कहा कि ये प्रतिभागी अपने-अपने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में अन्य बीएलओ को प्रशिक्षित करेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रतिभागियों को बताया कि उन्हें जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, मतदाता पंजीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम, 1961 और समय-समय पर ईसीआई द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार सख्ती से काम करना है।

प्रशिक्षण का उद्देश्य खासकर मतदाता पंजीकरण, फॉर्म हैंडलिंग और चुनावी प्रक्रियाओं के क्षेत्र-स्तरीय कार्यान्वयन के क्षेत्रों में प्रतिभागियों की व्यावहारिक समझ को बढ़ाना है। प्रतिभागियों को आरपी अधिनियम 1950 की धारा 24(ए) के तहत डीएम/जिला कलेक्टर/कार्यकारी मजिस्ट्रेट और धारा 24(बी) के तहत राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के साथ प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची के खिलाफ पहली और दूसरी अपील के प्रावधानों से परिचित कराया जाएगा।

यह स्मरणीय है कि 6-10 जनवरी 2025 तक विशेष सारांश संशोधन (एसएसआर) अभ्यास पूरा होने के बाद बिहार, हरियाणा और दिल्ली से कोई अपील दायर नहीं की गई थी।

कार्यक्रम के पाठ्यक्रम में इंटरैक्टिव सत्र, रोल प्ले, घर-घर जाकर सर्वेक्षण, केस स्टडी और फॉर्म 6, 7 और 8 भरने के लिए व्यावहारिक अभ्यास शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों को वोटर हेल्पलाइन ऐप (वीएचए) और आईटी उपकरणों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलेगा। अधिकारियों को मॉक पोल सहित ईवीएम और वीवीपैट का तकनीकी प्रदर्शन और प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

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