प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को कहा कि उसने बैंक-ऋण धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के तहत हरियाणा कांग्रेस विधायक राव दान सिंह, उनके बेटे और कुछ व्यावसायिक इकाइयों के खिलाफ छापेमारी के दौरान 1.42 करोड़ रुपये नकद, 30 से अधिक ‘अघोषित’ फ्लैट और जमीन से संबंधित दस्तावेज जब्त किए हैं।
विधायक, उनके परिवार, एक संबंद्ध कंपनी ‘सनसिटी प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’, ‘एलाइड स्ट्रिप्स लिमिटेड’ (एएसएल) और इसके प्रवर्तक मोहिंदर अग्रवाल, गौरव अग्रवाल और कुछ अन्य के खिलाफ दिल्ली, जमशेदपुर (झारखंड), हरियाणा के महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम में बृहस्पतिवार (18 जुलाई) को छापेमारी शुरू की गई। एएसएल कंपनी कोल्ड रोल स्टील उत्पाद बनाती है।
धन शोधन की जांच आरोपियों के खिलाफ दर्ज की गई एक सीबीआई प्राथमिकी पर आधारित है। इस प्राथमिकी में उक्त आरोपियों पर धन की हेराफेरी करके ‘धोखाधड़ी’ करने, आपराधिक धांधली, आपराधिक विश्वासघात और ठगी करके केनरा बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के संघ को 1,392.86 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।
ईडी ने एक बयान में कहा कि छापेमारी अभियान में समूह की इकाइयों और व्यक्तियों के कई परिसर से 1.42 करोड़ रुपये की नकदी, 32 अघोषित फ्लैट और जमीन, विभिन्न लॉकर, ट्रस्ट आदि के दस्तावेज जब्त किए गए। जिन इकाइयों पर छापेमारी की गई उनमें राव दान सिंह के बेटे अक्षत सिंह की इकाइयां भी शामिल हैं। हालांकि, इसमें यह नहीं बताया गया कि वास्तव में कहां से क्या जब्त किया गया था। हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में राव दान सिंह (65) महेंद्रगढ़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इस साल के अंत में हरियाणा विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं। चार बार के विधायक और व्यवसायी ने हाल ही में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के धर्मबीर सिंह से 41,000 से अधिक मतों के अंतर से हार गए। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री और हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा का करीबी माना जाता है।