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Election Commission of India bids farewell to Rajiv Kumar, 25th Chief Election Commissioner of India
चुनाव भारत

भारत निर्वाचन आयोग ने भारत के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को विदाई दी

भारत निर्वाचन आयोग ने राजीव कुमार को विदाई दी, जो 18.02.2025 को मुख्य चुनाव आयुक्त का पद छोड़ देंगे।

राजीव कुमार 1 सितंबर, 2020 को चुनाव आयुक्त के रूप में निर्वाचन आयोग में शामिल हुए थे और उन्होंने 15 मई, 2022 को भारत के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला था। आयोग में उनके 4.5 वर्षों के कार्यकाल की विशेषता संरचनात्मक, तकनीकी, क्षमता विकास, संचार, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और प्रशासन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में मौन लेकिन गहन सुधारों की रही। राजीव कुमार ने अपने कार्यकाल के दौरान 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में चुनाव कराने, 2022 के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव, 2024 के लोकसभा चुनाव और राज्यसभा के नवीनीकरण के साथ एक संपूर्ण चुनावी चक्र पूरा किया है – जो चुनावी प्रबंधन में एक दुर्लभ और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए तथा पुनर्मतदान और हिंसा की घटनाएं लगभग शून्य रहीं।

अपने विदाई भाषण में, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने में 15 मिलियन मतदान अधिकारियों को उनके समर्पण के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के लोकतांत्रिक संस्थानों पर सोच-समझकर और अपुष्ट साक्ष्यों के आधार पर किये गए हमलों से लगभग एक अरब मतदाताओं का भरोसा डगमगाया नहीं है। प्रौद्योगिकी के समर्थक के रूप में, राजीव कुमार ने साइबर हमलों और सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं के खतरों से बचते हुए चुनावों के संचालन को मजबूत करने का मार्ग सुझाया। उन्होंने मतदाताओं, विशेष रूप से महिला मतदाताओं की जीवंत भागीदारी के लिए सराहना की और कहा कि चुनावी प्रक्रिया अधिक समावेशिता की ओर बढ़ रही है।

चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू ने सीईसी राजीव कुमार के समावेशी, परिवर्तनकारी और उद्देश्यपूर्ण नेतृत्व की सराहना की, जिसने चुनावी प्रक्रियाओं को मजबूत किया है और चुनाव प्रबंधन के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर भारत का कद बढ़ाया है।

सीईसी राजीव कुमार के कार्यकाल में कई चुनावी सुधार हुए, जिनमें 17+ युवाओं के लिए उन्नत आवेदन सुविधा के साथ मतदाता पंजीकरण के लिए चार अर्हता तिथियों का संचालन करना; मतदाता पंजीकरण के लिए सरलीकृत फॉर्म; असम में परिसीमन के साथ चुनावी सीमाओं को फिर से परिभाषित करना; किसी भी तरह की धमकी, देरी और गलत कामों से बचने के लिए मतदाता सुविधा केंद्र पर मतदान कर्मियों द्वारा मतदान सुनिश्चित करना शामिल हैं। इन पहलों का उद्देश्य चुनाव प्रशासन को आधुनिक बनाते हुए प्रत्येक पात्र नागरिक को सशक्त बनाना था।

राजीव कुमार ने दक्षता, पारदर्शिता और पहुंच बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित चुनावी सुधारों का समर्थन किया। उनके नेतृत्व में, सबसे बड़े चुनावी डेटाबेस का प्रबंधन करने वाले ‘ईरोनेट’ 2.0 ने बहु-स्तरीय सुरक्षा, निर्बाध और वास्तविक समय पर आवेदन प्रसंस्करण के साथ मतदाता सूची प्रबंधन को मजबूत किया। राजीव कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना और फर्जी खबरों की चुनौती से निपटने के लिए भी तंत्र स्थापित किए। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान मिथक बनाम वास्तविकता रजिस्टर लॉन्च किया गया।

राजीव कुमार का योगदान प्रणालीगत और गहन मानवीय दोनों था। उनका व्यावहारिक नेतृत्व उनके कार्यों से स्पष्ट होता था। वैश्विक मंच पर, उनके प्रयासों ने लोकतांत्रिक मूल्यों को आगे बढ़ाने में भारत की आवाज़ को बुलंद किया, चुनाव आयोग ने ‘चुनाव निष्ठा समूह’ का नेतृत्व किया और कई चुनाव प्रबंधन निकायों के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया।

संस्थागत सुधारों और वैश्विक नेतृत्व से परे, उनके कार्यकाल को गहन व्यक्तिगत और करुणामय भाव द्वारा परिभाषित किया गया, जो लोकतंत्र की मानवीय भावना को मूर्त रूप देते थे। उनका मानना था कि हर मतदाता, चाहे वह किसी भी उम्र या क्षमता का हो, मान्यता और सम्मान का हकदार है। समावेशी चुनाव के लिए, पीवीटीजी और थर्ड जेंडर जैसे वंचित समुदायों को पंजीकृत करने के प्रयास किए गए। अपना सम्मान व्यक्त करते हुए, उन्होंने लोकतंत्र में उनके योगदान के लिए 2.5 लाख से अधिक सौ वर्षीय मतदाताओं को व्यक्तिगत पत्र लिखे। उन्होंने युवा और शहरी मतदाताओं से प्रेरित होने और चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में युवाओं और शहरी उदासीनता की बढ़ती प्रवृत्ति को दूर करने के लिए सोसायटी में मतदान केंद्रों की स्थापना जैसे अभिनव उपायों को आगे बढ़ाया।

एक उत्साही ट्रैकर के रूप में, उन्होंने मतदान कर्मियों के सामने आने वाली चुनौतियों को समझने के लिए भारत के सबसे दूरस्थ मतदान केंद्रों में से एक की कठिन यात्रा की, कठिन इलाकों में आसान परिवहन के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए ईवीएम कैरी बैग, मार्ग युक्तिकरण और पी-3 मतदान केंद्रों को लगभग समाप्त करने जैसे नवाचारों को प्रेरित किया। अपनी काव्यात्मक अभिव्यक्ति के लिए जाने जाने वाले सीईसी कुमार ने जटिल चुनावी मुद्दों को प्रासंगिक बनाने, जनता को जोड़ने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास को मजबूत करने के लिए शायरी का इस्तेमाल किया। भारतीय शास्त्रीय गायन और भक्ति संगीत के प्रेमी राजीव कुमार ध्यान का भी अभ्यास करते हैं।

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