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excess mortality rate from all causes in India in 2020 compared to the previous year is much lower than the 1.19 million deaths reported in the Science Advances paper
भारत

साइंस एडवांसेज पत्रिका में 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान अत्‍याधिक मृत्‍यु दर दर्शाने वाली मीडिया रिपोर्ट त्रुटिपूर्ण- स्वास्थ्य मंत्रालय

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने वर्ष 2020 में भारत में कोविड-19 महामारी के दौरान जीवन की संभावनाओं पर एक अकादमिक पत्रिका साइंस एडवांसेज में आज प्रकाशित एक पेपर के निष्कर्षों को जारी किया है। ये अस्पष्ट और अस्वीकार्य अनुमानों पर आधारित हैं।

यद्यपि लेखक राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस-5) का विश्लेषण करने की मानक पद्धति का पालन करने का दावा करते हैं, तथापि इनकी कार्यप्रणाली में गंभीर खामियां हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि लेखकों ने जनवरी और अप्रैल वर्ष 2021 के बीच किए गए एनएफएचएस सर्वेक्षण में शामिल परिवारों का एक उपसमूह पर किया है, इन परिवारों में वर्ष 2020 में मृत्यु दर की तुलना वर्ष 2019 से की है और परिणामों को पूरे देश में लागू किया है। एनएफएचएस सर्वेक्षण देश का प्रतिनिधि तभी होता है जब इसे समग्र रूप से माना जाता है। 14 राज्यों के हिस्से से इस विश्लेषण में शामिल 23 प्रतिशत परिवारों को देश का प्रतिनिधि नहीं माना जा सकता है। इसके अन्य महत्वपूर्ण दोष शामिल सर्वेक्षण सैंपल में संभावित चयन और रिपोर्टिंग पूर्वाग्रहों से संबंधित है, जिस समय ये डेटा एकत्र किए गए थे, वह कोविड-19 महामारी के चरम का दौर था।

इस प्रकाशित किए गए पत्र में इस तरह के विश्लेषण की आवश्यकता के लिए गलत तर्क दिया गया है और दावा किया गया है कि भारत सहित निम्न और मध्यम आय वाले देशों में महत्वपूर्ण पंजीकरण प्रणाली कमजोर है। यह सत्य से बहुत दूर है। भारत में नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) अत्यधिक मजबूत है और 99 प्रतिशत से अधिक मृत्यु की जानकारी देती है। यह रिपोर्टिंग वर्ष 2015 में 75 प्रतिशत से लगातार बढ़कर वर्ष 2020 में 99 प्रतिशत से अधिक हो गई है। इस प्रणाली के डेटा से पता चलता है कि वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में मृत्यु पंजीकरण में 4.74 लाख की वृद्धि हुई है। वर्ष 2018 और 2019 में मृत्यु पंजीकरण में पिछले वर्षों की तुलना में 4.86 लाख और 6.90 लाख की समान वृद्धि हुई थी। उल्लेखनीय रूप से, सीआरएस में एक वर्ष में सभी अतिरिक्त मृत्यु महामारी के कारण नहीं होती हैं। अतिरिक्त संख्या सीआरएस में मृत्यु पंजीकरण में वृद्धि (यह वर्ष 2019 में 92 प्रतिशत थी) और अगले वर्ष में एक बड़े जनसंख्या आधार के कारण भी है।

यह दृढतापूर्वक बताया गया है कि पिछले वर्ष की तुलना में 2020 में साइंस एडवांसेज पेपर में लगभग 11.9 लाख मौतों की अतिरिक्त मृत्यु दर एक सकल और भ्रामक अति आकलन है। महामारी के दौरान अत्यधिक मृत्यु दर का मतलब सभी कारणों से होने वाली मृत्यु में वृद्धि है, और इसे सीधे कोविड-19 के कारण हुई मृत्यु के बराबर नहीं माना जा सकता है।

शोधकर्ताओं द्वारा प्रकाशित अनुमानों की पुष्टि भारत के नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) के आंकड़ों से भी होती है। एसआरएस देश के 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में फैले 8842 नमूना इकाइयों में 24 लाख घरों में लगभग 84 लाख आबादी को कवर करता है। जबकि लेखक यह दिखाने के लिए बहुत मेहनत करते हैं कि वर्ष 2018 और 2019 के लिए एनएफएचएस विश्लेषण और नमूना पंजीकरण सर्वेक्षण विश्लेषण के परिणाम तुलनात्मक हैं, वे यह रिपोर्ट करने में पूरी तरह विफल रहे कि वर्ष 2020 में एसआरएस डेटा वर्ष 2019 के आंकड़ों (2020 में क्रूड मृत्यु दर 6.0/1000, वर्ष 2019 में क्रूड मृत्यु दर 6.0/1000) की तुलना में बहुत कम, यदि कोई है, तो अतिरिक्त मृत्यु दर को दर्शाता है और जीवन की संभावनाओं में कोई कमी नहीं है।

शोधपत्र में आयु और लिंग के आधार पर ऐसे परिणाम दिए गए हैं जो भारत में कोविड-19 पर शोध और कार्यक्रम के आंकड़ों के विपरीत हैं। शोधपत्र में दावा किया गया है कि महिलाओं और कम आयु वर्ग (विशेषकर 0-19 वर्ष के बच्चों) में अतिरिक्त मृत्यु दर अधिक थी। कोविड-19 के कारण दर्ज की गई लगभग 5.3 लाख मृत्यु के आंकड़े, साथ ही समूहों और रजिस्ट्री से प्राप्त शोध आंकड़े लगातार महिलाओं की तुलना में पुरुषों में कोविड-19 के कारण अधिक मृत्यु दर (2:1) और अधिक आयु वर्ग (0-15 वर्ष के बच्चों की तुलना में 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में कई गुना अधिक) को दर्शाते हैं। प्रकाशित शोधपत्र में ये असंगत और अस्पष्ट परिणाम इसके दावों में किसी भी तरह के विश्वास में कमी लाते हैं।

निष्कर्ष के तौर पर, भारत में वर्ष 2020 में सभी कारणों से होने वाली अतिरिक्त मृत्यु दर, पिछले वर्ष की तुलना में, साइंस एडवांसेज पेपर में बताई गई 11.9 लाख मृत्यु से काफी कम है। आज प्रकाशित पेपर पद्धतिगत रूप से त्रुटिपूर्ण है और ऐसे परिणाम दर्शाता है जो अस्पष्ट और अस्वीकार्य हैं।

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