लोहडी का त्योहार आज पूरे उत्तर भारत में उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। आज लोहड़ी का त्यौहार है। लोहड़ी से सर्दियों की लंबी रातों का क्रम घटता है और गर्मियों के लंबे दिनों की शुरुआत होती है, क्योंकि सूर्य आज से उत्तरी गोलार्ध की ओर अपनी यात्रा आरंभ करता है। लोहड़ी के त्यौहार में अलाव जलाने की परंपरा रही है, जो बुरी शक्तियों के नष्ट होने और सौभाग्य के आगमन का प्रतीक मानी जाती है।
इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज लोहड़ी तथा कल मकर संक्रांति, पोंगल और माघ बिहू त्योहारों के लिए शुभकामनाएं दी। अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा कि ये त्योहार देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं और सभी के जीवन में उत्साह तथा खुशियां लाते हैं। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस बात पर जोर दिया कि ये त्यौहार फसल कटाई के मौसम का सम्मान करने की देश की सदियों पुरानी परंपरा का प्रतिनिधित्व करते हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने संदेश में आशा व्यक्त की कि फसल का यह त्योहार सभी के घरों में उल्लास, खुशियाँ और समृद्धि लेकर आएगा।
पंजाब में भी हर्षोल्लास और खुशी का त्योहार लोहड़ी आपसी भाईचारे के साथ मनाया जा रहा है। लोहड़ी एक जीवंत त्योहार है जिसमें लोहड़ी की आग जलाकर पूजा की जाती है और फिर नाच-गाने के साथ प्रसिद्ध दुल्ला भट्टी गीत गाया जाता है और पडोसियों के साथ मिलकर परिवारों द्वारा मूंगफली, रेवड़ियाँ इत्यादि खाते हुए त्योहार का आनंद लिया जाएगा। पंजाब में बालिकाओं के लिए इस त्योहार को सरकारी तौर पर विशेष रूप से “धीयां दी लोहड़ी” के रूप में भी मनाया जाता है।