‘पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना (पीएमएसजीएमबीवाई)’, जोकि घरेलू छतों पर स्थापित की जाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी सौर पहल है, ने 10 मार्च 2025 तक कुल 10 लाख घरों को सौर ऊर्जा से संचालित करने के साथ एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। 13 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई यह परिवर्तनकारी योजना भारत के ऊर्जा परिदृश्य को तेजी से नया आकार दे रही है। कुल 47.3 लाख आवेदनों की प्राप्ति के साथ, इस पहल ने पहले ही 6.13 लाख लाभार्थियों को 4,770 करोड़ रूपये की सब्सिडी वितरित की है, जिससे सौर ऊर्जा पहले की तुलना में कहीं अधिक सुलभ हो गई है। कुल 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से 6.75 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर 2 लाख रुपये तक की गिरवी-मुक्त ऋण सहित इस योजना के वित्तपोषण के आसान विकल्पों ने इसे अपनाने में और तेजी लाई है। अब तक 3.10 लाख ऋण संबंधी आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 1.58 लाख स्वीकृत किए गए हैं और 1.28 लाख वितरित किए गए हैं। इससे सभी के लिए वित्तीय समावेशन सुनिश्चित हुआ है।
मात्र 15 दिन की सहज सब्सिडी हस्तांतरण प्रक्रिया और कई लाभार्थियों के लिए शून्य बिजली बिल के साथ यह योजना न केवल घरों को बिजली प्रदान कर रही है, बल्कि लोगों को सशक्त भी बना रही है। पीएमएसजीएमबीवाई के तहत प्रत्येक सौर ऊर्जा संयंत्र 100 पेड़ लगाने के बराबर कार्बन उत्सर्जन को कम करता है, जिससे भारत एक स्वच्छ, हरित और आत्मनिर्भर भविष्य की ओर अग्रसर होता है।
कई राज्यों में उल्लेखनीय प्रगति
इस योजना ने कई राज्यों में उल्लेखनीय प्रगति की है। उल्लेखनीय रूप से, चंडीगढ़ और दमन एवं दीव ने अपने सरकारी भवनों की छत पर सौर प्रणाली स्थापित करने के लक्ष्यों को शत-प्रतिशत हासिल कर लिया है और स्वच्छ ऊर्जा अपनाने के मामले में देश में सबसे आगे हैं। राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्य भी असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना से संबंधित समग्र आंकड़ों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। सरकार 2026-27 तक एक करोड़ घरों तक पहुंचने के लक्ष्य के साथ इस योजना के सुचारू व समयबद्ध क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने हेतु सभी राज्यों में प्रगति की सक्रिय रूप से निगरानी कर रही है।
‘पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ के तहत लाभान्वित होने वाले सबसे अधिक घरों वाले शीर्ष 5 राज्य।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, आत्मनिर्भर भारत पहल के अनुरूप, ‘पीएम सूर्य घर: मुफ़्त बिजली योजना’ भारत में उत्पादित सौर मॉड्यूल और सेल के उपयोग को अनिवार्य करके घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग का समर्थन करती है। 10 मार्च 2025 तक, इस योजना ने छत पर 3 गीगावाट से अधिक की सौर क्षमता की स्थापना की सुविधा प्रदान की है और इसमें मार्च 2027 तक अतिरिक्त 27 गीगावाट का लक्ष्य रखा गया है। यह पहल इनवर्टर के स्थानीय उत्पादन और बैलेंस ऑफ प्लांट (बीओपी) संबंधी घटकों को भी बढ़ावा दे रही है, जिससे भारत के नवीकरणीय ऊर्जा इकोसिस्टम को और मजबूती मिलेगी तथा मेक इन इंडिया विजन को बढ़ावा मिलेगा।
आदर्श सौर ग्राम
इस योजना के “आदर्श सौर ग्राम” घटक के तहत, देश भर के प्रत्येक जिले में एक आदर्श सौर ग्राम स्थापित करने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। इस पहल का उद्देश्य सौर ऊर्जा को अपनाने को बढ़ावा देना और ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना है। इस घटक के लिए 800 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिसमें प्रत्येक चयनित आदर्श सौर ग्राम को एक करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं।
उम्मीदवार गांव के रूप में अर्हता हासिल करने के लिए, उस गांव को 5,000 (या विशेष श्रेणी के राज्यों में 2,000) से अधिक आबादी वाला राजस्व गांव होना चाहिए। गांवों का चयन एक प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है और जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) द्वारा पहचाने जाने के छह महीने बाद उनकी समग्र वितरित अक्षय ऊर्जा (आरई) क्षमता के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है।
प्रत्येक जिले में सबसे अधिक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वाले गांव को एक करोड़ रुपये की केन्द्रीय वित्तीय सहायता अनुदान मिलेगा। डीएलसी की देखरेख में राज्य/केन्द्र-शासित प्रदेश नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी के कार्यान्वयन की निगरानी करेगी, जिससे इन आदर्श गांवों का सफलतापूर्वक सौर ऊर्जा में परिवर्तित होना और उनके द्वारा देश भर के अन्य गांवों के लिए एक मानक स्थापित करना सुनिश्चित होगा।