FSSAI की 45वीं सीएसी बैठक में व्यस्त पर्यटन सीजन में पर्यटन स्थलों पर खाद्य सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिए जाने का आग्रह
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने आज यहां अपनी केंद्रीय सलाहकार समिति (सीएसी) की 45वीं बैठक आयोजित की, जिसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से नवंबर से मार्च तक पर्यटको के भारी आगमन के मद्देनजर में उच्च खाद्य सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर निगरानी बढ़ाने का आग्रह किया गया है।
आगामी पर्यटन सीजन के दौरान लोकप्रिय पर्यटक स्थलों पर घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को इन स्थलों पर सचल खाद्य प्रयोगशाला (फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स मोबाइल लैब) का उपयोग करने की सलाह दी गई।
एफएसएसएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जी. कमला वर्धन राव ने विभिन्न राज्यों के खाद्य आयुक्तों से ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा उपयोग किए जाने वाले गोदामों और अन्य सुविधाओं पर निगरानी बढ़ाने को कहा। उन्होंने ऐसे गोदामों के साथ-साथ इन प्लेटफॉर्म के डिलीवरी कर्मियों के लिए एसओपी जारी करने को भी कहा।
राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नमूने एकत्र करने की प्रक्रिया में बढ़ोत्तरी करने को कहा गया तथा इस उद्देश्य के लिए फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स मोबाइल वैन तैनात करने को भी कहा गया।
समिति ने सभी नागरिकों के लिए खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण और प्रमाणन के तहत सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) को प्रशिक्षित करने पर भी जोर दिया। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से मार्च 2026 तक 25 लाख खाद्य संचालकों को प्रशिक्षित करने का आग्रह किया गया, जिनमें विश्वविद्यालय, कॉलेज और छात्रावास कैंटीन के संचालक भी शामिल हैं।
इस बैठक में एकीकृत खाद्य सुरक्षा दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल देते हुए सभी संबंधित मंत्रालयों, हितधारकों से सहयोग करने का आग्रह किया गया। इसके अलावा राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को राज्य एवं जिला स्तर पर नियमित रूप से सलाहकार समिति की बैठकें आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
सीएसी बैठक में भारत अच्छा खाओ मुहिम (ईट राइट इंडिया) के तहत संतुलित व पौष्टिक आहार की संस्कृति को बढ़ावा देने में उपभोक्ताओं को सक्रिय रूप से शामिल करने के महत्व पर जोर दिया गया। इस दिशा में राज्यों को मेलों, वॉकथॉन और नुक्कड़ नाटकों जैसी संपर्क पहलों के माध्यम से खाद्य सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने की सलाह दी गई।
इस बैठक में 60 से अधिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जिनमें खाद्य सुरक्षा आयुक्त (सीएफएस), राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि, एफएसएसएआई के वरिष्ठ अधिकारी, खाद्य उद्योग, उपभोक्ता समूहों, कृषि क्षेत्र, प्रयोगशालाओं और अनुसंधान निकायों के सदस्य भी शामिल थे।