इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (‘MeitY’) जनता और हितधारकों के साथ जुड़कर इनपुट प्राप्त करता है, जिसमें मौजूदा कानून में आवश्यक बदलाव और नए कानून प्रस्तुत करने की आवश्यकता भी शामिल है। मंत्रालय ने 25.02.2021 को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियमावली 2021 (“आईटी नियम, 2021”) अधिसूचित किया है, जिसे बाद में 28.10.2022 और 6.4.2023 को संशोधित किया गया।
आईटी नियमावली, 2021 मध्यस्थ प्लेटफार्मों को किसी भी निषिद्ध जानकारी को होस्ट करने, साझा करने, अपलोड करने और प्रसारित करने की अनुमति नहीं देने का दायित्व सौंपता है, जिसमें ऐसी जानकारी भी शामिल है जो भारतीय इंटरनेट पर गलत सूचना और स्पष्ट रूप से गलत जानकारी है या जो किसी अन्य व्यक्ति का प्रतिरूपण करती है। डीप फेक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा संचालित गलत सूचना का दूसरा रूप है।
जहां कोई भी जानकारी इस नियम के तहत निषिद्ध श्रेणियों में आती है तो कोई भी उपयोगकर्ता संबंधित मध्यस्थ के उस शिकायत अधिकारी से इस बारे में अनुरोध कर सकता है जिसके मंच पर ऐसी गैरकानूनी जानकारी जनता के लिए उपलब्ध कराई गई है। ऐसे अनुरोध प्राप्त होने पर, मध्यस्थ को आईटी नियमावली, 2021 के तहत निर्धारित समयसीमा के भीतर शीघ्रता से कार्य करना आवश्यक हो जाता है।
इसके अलावा, आईटी नियमों के तहत, सरकार ने उपयोगकर्ताओं और पीड़ितों को मध्यस्थों के शिकायत अधिकारियों द्वारा लिए गए निर्णयों के खिलाफ www.gac.gov.in पर ऑनलाइन अपील करने की अनुमति देने के लिए शिकायत अपीलीय समितियों की भी स्थापना की है, बशर्ते वे शिकायत अधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट हों।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फाउंडेशनल मॉडल/लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम)/जेनरेटिव एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), सॉफ्टवेयर या एल्गोरिदम का उपयोग करने पर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर बिचौलियों/प्लेटफॉर्मों को एडवाइजरी भी जारी की है। ये एडवाइजरी आईटी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के तहत जारी की गई थीं।
यह जानकारी इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।