सरकार राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रयासरत, 2025-26 तक 4.5% से नीचे लाने का लक्ष्य: निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने का प्रयास कर रही है और 2025-26 तक इसे 4.5 % से नीचे लाने का लक्ष्य है। लोकसभा में केंद्रीय बजट 2024-25 और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के 2024-25 के बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि भारत कोविड के बाद सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। कोविड महामारी के बाद भी भारतीय अर्थव्यवस्था की चमक बनी हुई है। उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए।
वित्त मंत्री ने पिछले तीन वर्षों में भारत को सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान के लिए देशवासियों, मध्यम वर्ग, उद्यमियों, किसानों, कामगारों और कारोबारियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के बिना यह संभव नहीं था।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार का खर्च तेजी से बढ़ा है और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए यह 48 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि और संबद्ध क्षेत्र, ग्रामीण और शहरी विकास, स्वास्थ्य और जनकल्याण जैसे क्षेत्रों पर बजट आवंटन में वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि बजट में कहीं भी पिछले वर्ष की तुलना में कम आवंटन नहीं किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट कई उद्देश्यों के बीच संतुलन लाने का प्रयास करता है, ताकि बेहतर और उच्च विकास के माध्यम से असमानता दूर की जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट में विकास, रोजगार, कल्याण व्यय, पूंजी निवेश और राजकोषीय समेकन जैसे कारकों को संतुलित करने का प्रयास किया है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे का अनुपात 2020-2021 में 80 प्रतिशत से घटकर 2024-25 में 36 प्रतिशत होने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री ने बताया कि 2013-2014 में कृषि और किसान कल्याण विभाग के लिए बजट आवंटन केवल 21 हजार 934 करोड़ रुपये था। अब यह बढ़कर एक दशमलव दो-तीन लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो पांच गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 11 करोड़ से अधिक किसानों को तीन लाख 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है।
बेरोजगारी के मुद्दे पर, वित्त मंत्री ने कहा कि एनडीए सरकार ने पिछले दस वर्षों में साढ़ 12 करोड़ नौकरियां सृजित कीं, जबकि यूपीए सरकार के दस वर्षों के कार्यकाल में दो करोड़ तीस लाख नौकरियां सृजित हुईं। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में रोजगार के अवसर बढ़े हैं और यह 2014 में 34 प्रतिशत से बढ़कर 2025 में 51 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने सरकार की कौशल विकास की पहल का उल्लेख करते हुए कहा कि इस बार केंद्रीय बजट में कौशल विकास के लिए पांच योजनाओं का पैकेज प्रदान किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 2020 से 2023 के दौरान भारत में महंगाई दर वैश्विक औसत से काफी कम रही है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के बावजूद मुद्रास्फीति का अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ा।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को विरासत में मिले राजकोषीय संकट से मुक्त कराने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र ने इस वर्ष जम्मू-कश्मीर के केंद्रीय बजट में 17 हजार करोड़ रुपये की पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान की है, ताकि केंद्र शासित प्रदेश विकासात्मक गतिविधियों पर अधिक धन खर्च कर सके। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 15 से 59 वर्ष के आयु वर्ग की बेरोजगारी दर 2020-21 में छह दशमलव चार प्रतिशत से घटकर 2022-23 में चार दशमलव चार प्रतिशत हो गई है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट भाषण में किसी राज्य का उल्लेख नहीं होने का यह मतलब नहीं है कि इन राज्यों को पैसा नहीं दिया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि आम बजट 2024-25 पिछली सभी उपलब्धियों को समेकित करने का प्रयास है और यह चुनौतियों से पार पाने के उपायों की रूपरेखा तैयार करता है। उन्होंने कहा कि सरकार समग्र राष्ट्र का दृष्टिकोण अपनाकर लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास कर रही है।
बाद में सदन ने जम्मू-कश्मीर विनियोग (नंबर-3) विधेयक, 2024 पारित कर दिया। लोकसभा ने 2024-25 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की अनुदान मांगों को भी मंजूरी दे दी।