गुरु नानक जयंती आज देश – विदेश में धार्मिक श्रद्धा और उल्लास के साथ मनायी जा रही है। सिख धर्म की स्थापना करने वाले सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी की जयंती को गुरु पर्व के रूप में भी मनाया जाता है।
इस वर्ष गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती है। इस अवसर पर दुनिया भर में श्रृद्धालु विशेष प्रार्थनाओं में सम्मिलित हो रहे हैं। भारत से ढाई हजार से अधिक सिख तीर्थयात्री गुरु पर्व में शामिल होने के लिए कल लाहौर पहुंचे।
पंजाब में बड़ी संख्या में श्रद्धालु अमृतसर स्थित श्री हरिमंदिर साहिब और अन्य गुरुद्वारों में मत्था टेक रहे हैं। पूरे भारत में गुरुद्वारों को सजाया गया है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब जी की बाणी का पाठ करते हुए नगर कीर्तनों में हिस्सा ले रहे हैं। अमृतसर में श्री हरिमंदिर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब और गुरुद्वारा बाबा अटल राय में सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक गुरु नानक देव जी से सम्बंधित ऐतिहासिक वस्तुएं श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए रखी जाएंगी। गुरबाणी का अमृत संचार श्री अकाल तख्त साहिब से किया जाएगा। शाम को दीपमाला के साथ प्रदूषण रहित आतिशबाजी होगी । कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी में भी उत्सव का माहौल है। यहाँ गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के 14 साल बिताए थे। वह पवित्र स्थान अब गुरुद्वारा बेर साहिब के नाम से जाना जाता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर शुभकामनाएं दी हैं। राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा है कि गुरु नानक देव ने प्रेम, भाईचारा, त्याग और बलिदान के जीवन मूल्यों पर बल दिया। उनकी शिक्षाएं सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए आध्यात्मिकता की दिशा अपनाने का संदेश देती हैं।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने संदेश में कहा कि मानवता की सेवा को समर्पित गुरु नानक देव जी का जीवन सत्य, एकता और भाईचारे के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज श्री गुरु नानक जयंती के अवसर पर अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं हमें करुणा, दया और विनम्रता की भावना को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती हैं।