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Home Minister Amit Shah addressed the inaugural function of International Year of Cooperatives-2025 in Mumbai
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गृह मंत्री अमित शाह ने मुंबई में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित किया। अमित शाह ने राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त एवं विकास निगम (NUCFDC) के कॉर्पोरेट कार्यालय का उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर सहकारिता राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार और सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने भारत में सहकारिता वर्ष मनाने के लिए 12 माह का एक कार्यक्रम तय किया है, जिसका आज उद्घाटन हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में सहकारिता वर्ष इस तरह से मनाया जायेगा जिससे देशभर में सहकारिता अनेक कदम आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के दौरान सहकारिता के विस्तार, इस क्षेत्र में शुचिता लाने, सहकारी संस्थाओं को समृद्ध बनाने, कई नए क्षेत्रों में सहकारिता की पहुंच बढ़ाने और भारत के हर व्यक्ति को किसी न किसी प्रकार से सहकारिता से जोड़ने की दिशा में आगे बढ़ने के प्रयास किए जाएंगे। अमित शाह ने कहा कि 31 दिसंबर 2025 को जब सहकारिता वर्ष समाप्त होगा, तब तक हमारी सहकारिता का विकास सिमेट्रिक और समावेशी होगा और हम सहकार से समृद्धि के लक्ष्य को काफी हद तक प्राप्त कर चुके होंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के भारत को दुनिया की तीसरे नंबर की आर्थिक शक्ति और 2047 तक पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति में सहकारिता क्षेत्र का बहुत बड़ा योगदान होगा। सहकारिता क्षेत्र, सामाजिक समरसता, समानता और समावेशिता के सिद्धांतों के साथ आगे बढ़ेगा।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज यहां सहकारी बैंकों के अंब्रेला संगठन, राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त एवं विकास निगम (NUCFDC) का वर्चुअल उद्घाटन हुआ है। यह संगठन अर्बन कोऑपरेटिव सेक्टर को मल्टीडायमेंशनल फायदा पहुंचाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे सभी शेड्यूल्ड कोऑपरेटिव बैंक अगले 3 साल में राष्ट्रीय बैंकों और निजी बैंकों द्वारा दी जाने वाली सभी सेवाओं से युक्त हो जाएंगे जिनसे हमारी सेवाओं का विस्तार होगा। इसके साथ-साथ संसाधनों का बेहतर उपयोग, बैंकिंग प्रक्रिया में सुधार और सभी कोऑपरेटिव बैंकों के अकाउंटिंग सिस्टम को एक करना इसका लक्ष्य रहेगा। अमित शाह ने कहा कि भारत में कुल 1465 शहरी सहकारी बैंक हैं, जिनमें से लगभग आधे गुजरात और महाराष्ट्र में हैं, देश में 49 शेड्यूल्ड बैंक हैं और 8 लाख 25 हज़ार से अधिक सहकारी संस्थाएं हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में पूरे देश में Cooperation Amongst Cooperatives को लागू किया जाएगा। डिजिटल बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, ऑनलाइन लेन-देन और विदेश के साथ व्यापार जैसी गतिविधियों को अर्बन कोआपरेटिव बैंक के साथ समाहित करने का काम ‘अंब्रेला संगठन’ करेगा। कोऑपरेटिव संस्थाओं का सारा लेनदेन और वित्तीय व्यवहार कोऑपरेटिव बैंकों के माध्यम से ही होगा। अमित शाह ने कहा कि Cooperation Amongst Cooperatives के सिद्धांत को देश के सभी राज्यों में ज़मीन पर उतरने से हमें बहुत बड़ी सफलता हासिल होगी और तभी सहकारिता क्षेत्र आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनेगा।

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों के कई सारे मुद्दे भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ सुलझाए हैं। आने वाले दिनों में अंब्रेला संगठन को मज़बूत कर हम विश्वास और व्यापार को बढ़ाएंगे और सभी अड़चनों को दूर करेंगे। उन्होंने कहा कि नए बायलॉज़ से बनी 10 हज़ार बहुद्देश्यीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (MPACS) का प्रशिक्षण कार्यक्रम आज शुरू हो रहा है, जो एक नई शुरूआत है। सहकारिता मंत्री ने कहा कि देश की हर पंचायत में एक पैक्स की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है और पैक्स की वायबिलिटी के लिए मॉडल बायलॉज़ बनाए गए जिन्हें सभी राज्यों ने स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि मॉडल बायलॉज़ के तहत अब पैक्स कई प्रकार की अलग-अलग नई गतिविधियां शुरू कर सकते हैं। मोदी सरकार ने 2500 करोड़ रूपए खर्च कर हर पैक्स को कंप्यूटर और सॉप्टवेयर दिए हैं और कई प्रकार की नई गतिविधियों को पैक्स के साथ जोड़ने का प्रयास किया है। इसे सफल बनाने के लिए हमें तकनीक को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि पैक्स में प्रोफेशनलिज़्म लाकर इसके माध्यम से पूरे सहकारिता क्षेत्र को मज़बूत करना होगा।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि बैंक हो या पैक्स, हमें विश्वास के साथ नई तकनीक को जानने वाले युवाओं को साथ लाना होगा, तभी हम सहकारिता को आत्मनिर्भर बना सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, देवेन्द्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार की डबल इंजिन की सरकार महाराष्ट्र को सच्चे अर्थों में सहकारिता की काशी बनाएगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता ही हर गांव में रोजगार का ज़रिया हो सकता है।

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने कोऑपरेटिव सेक्टर की बहुत बड़ी मदद की है और इथेनॉल ने चीनी मिलों के मुनाफे को बढ़ाया है। चीनी के अच्छे दाम प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी ने हाल ही में 10 लाख टन टीनी के निर्यात का फैसला लिया जिसका सबसे ज्यादा फायदा महाराष्ट्र की सहकारी चीनी मिलों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में मोदी सरकार सहकारिता को आगे बढ़ाना चाहती है और इसके लिए एक रैंकिंग सिस्टम शुरू किया गया है। अमित शाह ने कहा कि 7 प्रमुख क्षेत्रों- पैक्स, डेयरी, मत्स्यपालन, अर्बन कोऑपरेटिव बैंक, आवास क्रेडिट सोसायटी, क्रेडिट कोऑपरेटिव और खादी ग्रामोद्योग – में हम रैंकिंग के साथ आगे बढ़ेंगे। इसके तहत ऑडिट, गतिविधियां, सेवाएं, वित्तीय प्रदर्शन, आधारभूत संरचना और ब्रांडिंग जैसे कई मानाक तय किए हैं, जिनको मिलाकर 100 अंक रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इसे विश्वसनीय बनाया जाएगा जिससे इसके आधार पर किसी भी बैंक को पैक्स को पैसा देने में दिक्कत न हो।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सहकार से समृद्धि और समद्धि से आत्मनिर्भरता के मंत्र को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के कैलेंडर का उद्घाटन, अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के अंब्रेला संगठन के कार्यालय की शुरूआत और 10 हज़ार नए पैक्स के लिए पहला प्रशिक्षण शुरू हुए हैं। अमित शाह ने कहा कि सरकार आगामी बजट सत्र में गुजरात के महान सहकारिता नेता त्रिभुवन दास पटेल के नाम पर त्रिभुवन नेशनल कोऑपरेटिव यूनिवर्सिटी की स्थापना की घोषणा करेगी, जो सभी क्षेत्रों के लिए हमें प्रोफेशनल उपलब्ध कराएगी। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में सहकारिता क्षेत्र आने वाले दिनों में कृषि, ग्रामीण क्षेत्र और युवाओं के लिए रोज़ग़ार और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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