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Home Minister Amit Shah addressed the Manorama News Conclave 2025 in Kochi today
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गृह मंत्री अमित शाह ने आज कोच्चि में मनोरमा न्यूज कॉनक्लेव 2025 को संबोधित किया

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज कोच्चि, केरल में मनोरमा न्यूज कॉनक्लेव 2025 को संबोधित किया। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बहुत अच्छी भावना के साथ अपनाई गई बहुदलीय संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली में आजादी के तीसरे दशक से ही कई दूषण लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रदूषित करने लगे। उन्होंने कहा कि जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टीकरण के रूप में तीन मुद्दे नासूर की तरह देश के जनादेश को प्रभावित कर रहे थे। इनके अलावा चौथा मुद्दा भ्रष्टाचार था, जो देश की प्रगति को रोकने के साथ ही जनादेश का मजाक भी उड़ा रहा था।

अमित शाह ने कहा कि अस्थिरता के माहौल के कारण देश दीर्घकालिक नीतियों से वंचित था। वर्ष 2014 में नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टीकरण की जगह politics of performance के नए युग की शुरुआत हुई और आज पूरा देश इसका अनुभव कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भ्रष्टाचार को सिस्टम और नीतिगत रुप से दूर करने का सफल प्रयास किया है। अमित शाह ने कहा कि देश में स्थिरता होने के कारण आंतरिक और बाहरी सुरक्षा सुनिश्चित करना हो, इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के नए दौर की शुरुआत करनी हो या देश को समृद्ध बनाना हो, हर क्षेत्र में मोदी जी ने लॉंग टर्म और क्लियर पॉलिसी के एक नए युग की शुरुआत की है। 11 साल पहले देश की जनता के मन में एक सवाल था: इस देश का भविष्य क्या होगा? आज 140 करोड़ लोगों के मन में कोई भ्रम नहीं है। सभी मानते हैं कि 2047 तक भारत विश्व में शीर्ष पर होगा और हमें कोई नहीं रोक सकता।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पहले हम आर्थिक दृष्टि से अस्थिरता का शिकार थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने हमारी अर्थव्यवस्था को 11वें स्थान पर लाने में सफलता हासिल की थी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अच्छा काम किया और इसे 11वें से 12वें स्थान पर नहीं जाने दिया, बल्कि संभालकर रखा। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में मोदी जी ने हमारी अर्थव्यवस्था को 11वें स्थान से विश्व की चार शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में स्थान दिलाया है। हर क्षेत्र में, चाहे वह इंफ्रास्ट्रक्चर हो, अगले 25 वर्षों में विश्व अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाली नई अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनना हो, या युवाओं के लिए स्टार्टअप्स के लिए एक मजबूत सपोर्ट सिस्टम खड़ा करके उन्हें वैश्विक मंच पर प्रोजेक्शन के लिए अवसर प्रदान करना हो, इन दिशाओं में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने हर क्षेत्र में सुधार किए, निर्णायक फैसले लिए, और GST जैसे असंभव प्रतीत होने वाले कार्य को कम से कम विवाद के साथ उत्कृष्ट तरीके से लागू किया। इसी कारण, आज देश की अर्थव्यवस्था विश्व की शीर्ष चार अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गई है। अमित शाह ने कहा कि सुरक्षा के मोर्चे पर सेना का पूर्ण आधुनिकीकरण किया गया, सैन्य आधुनिकीकरण में आत्मनिर्भरता पर जोर दिया गया, और देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए कठोर एवं स्थायित्वपूर्ण नीतियां बनाई गईं।

गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर में, वामपंथी उग्रवाद, और जम्मू-कश्मीर—आंतरिक सुरक्षा के लिए नासूर बने हुए थे। इन तीनों क्षेत्रों में हिंसक घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी, मृत्यु दर में 70 प्रतिशत की कमी, और सुरक्षा बलों की मृत्यु में 74 प्रतिशत की कमी आई है। अमित शाह ने कहा कि आज देश को पूर्ण विश्वास है कि बहुत कम समय में हम इन तीनों समस्याओं से हमेशा के लिए मुक्त हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह विश्वास मोदी जी ने जगाया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमने आतंकवाद से लड़ने के लिए एक मजबूत तंत्र विकसित किया है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी की सरकार के तीन कार्यकालों के दौरान सीमा पार से हमले के कई बार प्रयास किए—पहले उरी, फिर पुलवामा, और फिर पहलगाम। हर बार हमने इसका करारा जवाब दिया। पहले सर्जिकल स्ट्राइक, फिर एयर स्ट्राइक, और इस बार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से न केवल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, बल्कि पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकवादियों के मुख्यालय को ध्वस्त करने का काम भारतीय सेना ने किया। इससे पूरी दुनिया में एक सशक्त संदेश गया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जब भी देश का इतिहास लिखा जाएगा, शांति और विकास की दृष्टि से नरेन्द्र मोदी जी के शासन के 11 वर्ष स्वर्णिम अक्षरों में अंकित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि केरल जहां 11 वर्ष पहले खड़ा था, आज भी वहीं खड़ा है। केरल के पास ढेर सारी संभावनाएं हैं, परंतु इन संभावनाओं का दोहन करने और अवसरों को तलाशने में एक विचित्र प्रकार की वैचारिक उदासीनता बाधा बन रही है। अमित शाह ने कहा कि वाम विचारधारा से उत्पन्न होने वाला उदासीन विकास मॉडल केरल की प्रगति को रोक रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले दिनों में केरल भी विकास की इस यात्रा से जुड़ने का अभियान शुरू करेगा।

अमित शाह ने कहा कि केरल की जनता भ्रष्टाचार को पसंद नहीं करती। यहां वोट बैंक की राजनीति के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया गया। कानून और व्यवस्था की स्थिति भी निम्न स्तर तक पहुंच गई। उन्होंने कहा कि PFI नामक संगठन, जो देश-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त था, केरल से लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार, और गुजरात तक फैल गया। अमित शाह ने सवाल किया कि इस संगठन को समय पर क्यों नहीं रोका गया? उन्होंने कहा कि यदि मोदी सरकार नहीं होती, तो शायद केरल सरकार आज भी PFI पर प्रतिबंध नहीं लगाती।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि केरल देश का सबसे साक्षर राज्य है, जहां शत-प्रतिशत साक्षरता दर है, फिर भी यहाँ इतनी बेकारी क्यों है? उन्होंने कहा कि देश में सबसे अधिक साक्षरता केरल में है, और बेकारी भी यहीं सबसे अधिक है। अमित शाह ने कहा कि केरल में अपार संभावनाएं मौजूद हैं, लेकिन इनका दोहन नहीं किया गया। केरल की जनता चाहती है कि विकास के लिए यहां आईटी, सेमीकंडक्टर, पोर्ट और ज्ञान-आधारित उद्योग स्थापित हों। उन्होंने कहा कि अब तक का लक्ष्य केवल कैडर का भला करना रहा है, न कि जनता का। अमित शाह ने कहा कि अब केरल की जनता यह तय कर चुकी है कि वह कैडर के लिए काम करने वाली सरकार नहीं, बल्कि जनता के लिए काम करने वाली सरकार चाहती है।

अमित शाह ने कहा कि मोदी जी द्वारा बनाया गया विकास मॉडल जातिविहीन और तुष्टिकरण-रहित राजनीति का मॉडल है, जिसे ‘परफॉर्मेंस की राजनीति’ कहा जा सकता है। केरल के युवा इस परफॉर्मेंस की राजनीति के साथ आगे बढ़ेंगे।

अमित शाह ने कहा कि 2004 से 2014 तक केन्द्र सरकार ने केरल को आपदा प्रबंधन के लिए 1342 करोड़ रुपये दिए, जबकि मोदी जी ने 10 वर्षों में 5100 करोड़ रुपये प्रदान किए।

परिसीमन के बारे में किए गए एक सवाल के जवाब में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि परिसीमन (Delimitation) को लेकर तमिलनाडु में जो आशंकाएं खड़ी की जा रही हैं, वे निराधार हैं। उन्होंने कहा कि इन आशंकाओं को खड़ा करने का उद्देश्य तमिलनाडु की जनता का ध्यान राज्य में अत्यधिक भ्रष्टाचार और कानूनहीनता की स्थिति, और मुख्यमंत्री द्वारा अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने की मंशा से हटाना है। उन्होंने कहा कि जनगणना 2027 में पूरी होगी और इसके बाद ही परिसीमन अधिनियम लागू होगा। अमित शाह ने कहा कि वह दक्षिणी राज्यों के सभी मतदाताओं को आश्वस्त करना चाहते हैं कि जब भी परिसीमन होगा, दक्षिणी राज्यों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। यह हमारी सरकार का दक्षिणी राज्यों की जनता से वादा है।

हाल ही में संसद में पेश किए गए प्रस्तुत किए गए भारतीय संविधान (एक सौ तीसवाँ संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक, 2025, और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 के बारे में पूछे गए सवाल पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि क्या देश की जनता चाहती है कि कोई मुख्यमंत्री जेल में रहकर सरकार चलाए? क्या देश की जनता चाहती है कि कोई प्रधानमंत्री जेल में रहकर सरकार चलाए? उन्होंने कहा कि यह नैतिकता का सवाल है और जब संविधान बनाया गया था, तब इस तरह के लोगों की कल्पना भी नहीं की गई थी, जो जेल जाने के बावजूद इस्तीफा न दें। अमित शाह ने कहा कि पिछले 75 वर्षों में कई मुख्यमंत्री और मंत्री जेल गए, लेकिन सभी ने जेल जाने से पहले इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री जेल जाने के बाद भी जेल से सरकार चलाते रहे। अमित शाह ने कहा कि लोकतंत्र में नैतिकता का स्तर बनाए रखने की जिम्मेदारी सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों की है।

SIR (Special Intensive Revision) के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा कि यदि किसी पार्टी या नागरिक को इसे लेकर कोई आपत्ति है, तो वे संबंधित विधानसभा के रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष अपील कर सकते हैं। यदि वहां संतुष्टि न मिले, तो जिला कलेक्टर के समक्ष अपील की जा सकती है, और यदि फिर भी संतुष्टि न हो, तो मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के पास भी अपील की जा सकती है। इसके लिए तीन चरणों की व्यवस्था रखी गई है। उन्होंने कहा कि आज तक मुख्य विपक्षी दल ने SIR को लेकर एक भी शिकायत दर्ज नहीं की है। चुनाव आयोग ने पूरे देश में SIR लागू करने का निर्णय लिया है, जो एक नियमित प्रक्रिया है।

अमित शाह ने कहा कि बिहार की मतदाता सूची में 22 लाख ऐसे लोग थे, जिनका निधन हो चुका था। ऐसे में उनके नाम का उपयोग करके फर्जी मतदान की संभावना बन सकती थी। इसलिए, उनके नाम हटाने चाहिए या नहीं? उन्होंने कहा कि हम भी जनता के बीच जाएंगे और बताएंगे कि संवैधानिक संस्थाओं और देश के प्रधानमंत्री के लिए जिस प्रकार की भाषा का उपयोग किया जा रहा है, वह उचित नहीं है। उन्होंने विपक्षी दलों से अपील की कि यदि उन्हे प्रक्रिया में कोई कमी नजर आती है, तो चुनाव आयोग के समक्ष जाकर अपना पक्ष रखें।

‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह सभी पार्टियों पर समान रूप से लागू होगा। उन्होंने कहा कि यदि कहीं कोई आपत्ति या समस्या है, तो उसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में रखा जा सकता है और वहां चर्चा की जा सकती है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मणिपुर में पिछले छह वर्षों से उनकी पार्टी की सरकार थी, और इस दौरान न तो कोई बंद हुआ, न हड़ताल और न ही कोई नस्लीय हिंसा हुई। लेकिन एक अदालती फैसले के कारण नस्लीय हिंसा भड़क उठी। उन्होंने कहा कि मुख्य विपक्षी दल के शासनकाल में इससे भी अधिक नस्लीय हिंसा देखने को मिली थी, जो हर बार एक साल, डेढ़ साल, या ढाई साल तक चली। अब वहां शांति स्थापित हो चुकी है। अमित शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय ने दोनों समुदायों से अलग-अलग चार-चार बार मुलाकात की है, और फिर उनकी संयुक्त बैठक भी आयोजित की गई है। आशा है कि जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल करने में हमें सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारा पहला लक्ष्य शांति बहाल करना था, जो पूरा हो चुका है। मणिपुर की हिंसा का धर्म से कोई संबंध नहीं है, वह नस्लीय हिंसा थी।

अमित शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर में हमने 20 से अधिक समझौते किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 10 हजार लोग हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौट आए हैं। उन्होंने कहा कि जिसके हाथ में हथियार है, उससे बातचीत नहीं हो सकती। बातचीत तभी संभव है, जब उग्रवादी हथियार छोड़कर संविधान के दायरे में आयें, यह हमारी दृढ़ नीति है।

अमित शाह ने तीन नए आपराधिक कानूनों के बारे में कहा कि अंग्रेजी शासन के दौरान बनाए गए कानूनों का उद्देश्य अंग्रेजी सरकार को भारत में मजबूत करना था, न कि हमारे नागरिकों की सुरक्षा करना। इसलिए, हमने भारतीय दंड संहिता को अब भारतीय न्याय संहिता का नाम दिया है। उन्होंने कहा कि जब ये तीनों कानून पूर्ण रूप से लागू हो जाएंगे, तब भारतीय न्याय प्रणाली विश्व की सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली होगी। गृह मंत्री ने कहा कि नए कानूनों में आने वाले कई वर्षों की तकनीक को समाहित करने के लिए कानूनी परिभाषाओं को शामिल किया गया है। अब पूरी सुनवाई ऑनलाइन होगी, ऑनलाइन पेशी होगी, और कई ऐसे प्रयास किए गए हैं, जिनसे यह सुनिश्चित होगा कि एफआईआर दर्ज होने के तीन वर्षों के भीतर न्याय मिल जाए। उन्होंने कहा कि यह 21वीं सदी का सबसे बड़ा रिफॉर्म है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के व्यक्तित्व के बारे में अमित शाह ने कहा कि मोदी जी सबसे सफल मुख्यमंत्री, सबसे सफल प्रधानमंत्री और सबसे लंबे समय तक राज्य व देश का नेतृत्व करने वाले नेता हैं। वे एक नि:स्वार्थ व्यक्ति और बहुत अच्छे श्रोता हैं। अमित शाह ने कहा कि मोदी जी राजनीति में पारिवार और घर त्यागकर देश सेवा करने आदर्श उदाहरण हैं। इतने कठोर सार्वजनिक जीवन के मानदंडों का पालन करना अत्यंत कठिन है। मोदी जी का कोई निजी परिवार नहीं है; सभी उनके अपने हैं, 140 करोड़ लोग उनके अपने हैं।

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