गृह मंत्री अमित शाह का नशीले पदार्थों की समस्या से निपटने के लिए केंद्र और राज्यों से मिलकर काम करने का आह्वान
गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मादक पदार्थ रोधी कार्यबल प्रमुखों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इसमें सरकारी विभागों के संबंधित पक्ष भी भाग ले रहे हैं। दो दिवसीय ये सम्मेलन देश को मादक पदार्थ मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को मजबूती देगा और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रारूप बनाने का मंच प्रदान करेगा। अमित शाह ने कहा कि मादक पदार्थ मुक्त भारत अभियान फिलहाल देशभर के 372 जिलों में चलाया जा रहा है।
नशा मुक्त भारत अभियान लगभग 372 जिलों में चल रहा है। 10 करोड लोग और 3 लाख शैक्षिक संस्थान इसके साथ जुड़े हैं, मगर मैं फिर से कहना चाहता हूं कि ये पर्याप्त नहीं है। हर जिले में चलना चाहिए और हर शैक्षिक संस्थान पर हमारी पहुंच होनी चाहिए।
गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार देश को मादक पदार्थ मुक्त बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि विदेशों से मादक तस्करी को अंजाम देने वालों को भारतीय कानून के दायरे में लाया जाए। अमित शाह ने युवाओं को मादक पदार्थों से बचाने के महत्व पर बल दिया ताकि 2047 तक विकसित भारत बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार किया जा सके।
हमारी युवा पीढ़ी को ड्रग्स के भूषण से बचाना बहुत जरूरी है क्योंकि किसी भी महान राज्य की संकल्पना इसकी नींव उसे देश की युवा पीढ़ी होती है अगर हमारी आने वाली नस्ले ही खोखली हो जाएगी तो देश रास्ते से भटक जाएगा।
गृह मंत्री ने कहा कि भारत की लड़ाई मादक पदार्थों के खुदरा व्यापार में शामिल लोगों को पकडने तक ही नहीं है बल्कि ये लड़ाई तीन प्रकार के कार्टल से है।
एक त्रिकोणीय रणनीति के तहत हमने कदम उठाने पड़ेंगे। ड्रग की सप्लाई चैन के लिए हमारा रुथलेस अप्रोच होना चाहिए। डिमांड रिडक्शन में एक स्ट्रैटेजिक अप्रोच होना चाहिए और हार्म रिडक्शन में ह्यूमन अप्रोच होना चाहिए। ये तीनों अप्रोच के साथ एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स में आगे बढ़ना चाहिए।
इस अवसर पर अमित शाह ने मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो वार्षिक रिपोर्ट 2024 भी जारी किया और ऑनलाइन मादक पदार्थ के निस्तारण संबंधी अभियान का भी शुभारंभ किया। सम्मेलन के दौरान आठ तकनीकी सत्र अयोजित किए जाएंगे। इस सम्मेलन का विषय है- संयुक्त संकल्प, साझा दायित्व।