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Home Minister Amit Shah today launched a national dialogue on 'Self-Empowerment through Inner Awakening' for security force personnel in Rajasthan
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गृह मंत्री अमित शाह ने आज राजस्थान में सुरक्षाबल कर्मियों के लिए ‘Self-Empowerment through Inner Awakening’ विषय पर राष्ट्रीय संवाद का शुभारंभ किया

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज राजस्थान में सुरक्षाबल कर्मियों के लिए ‘Self-Empowerment through Inner Awakening’ विषय पर राष्ट्रीय संवाद का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ब्रह्मकुमारी, योग और ध्यान के माध्यम से पूरे विश्व में हर मानव के अंदर शांति और साधना का एक दीप प्रज्ज्वलित करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनेक वर्षों से हर व्यक्ति के अंदर की सद्वृत्ति को जागृत करने का यहां प्रयास हो रहा है और उसी तपोबल से एक अद्भुत शांति का वातावरण यहां महसूस किया जा सकता है।

अमित शाह ने कहा कि व्यक्तिगत जीवन में जब गुरु मिल जाता है तब लोगों का जीवन सन्मार्ग पर प्रशस्त हो जाता है और इसके बहुत सारे उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसा काम कर जाते हैं जो हर व्यक्ति की आत्मा को एक दीप बनाकर प्रकाशमय मार्ग पर चलने के लिए प्रशस्त करते हैं। उन्होंने कहा कि लेखराज कृपलानी जी ने ब्रह्मकुमारी की स्थापना कर हर व्यक्ति की आत्मा को दीप बनाकर उसके प्रकाश में आगे बढ़ने का बहुत बड़ा आह्वान किया जिसका आज समाज पर बहुत बड़ा असर दिख रहा है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ब्रह्मकुमारी ने अपने त्याग, तपस्या और तेज से दुनियाभर में सादगी, संयम और सहयोग का एक अद्भुत वातावरण खड़ा करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आज यहां दो कार्यक्रम एक साथ हुए हैं – पहला, ब्रह्मकुमारी संस्था की वर्ष 2025-26 की थीम ‘विश्व एकता और विश्व विश्वास हेतु ध्यान’ का लोकार्पण, और, दूसरा, सुरक्षाबल कर्मियों की आंतरिक जागृति के माध्यम से आत्मसशक्तिकरण के राष्ट्रीय संवाद का उद्घाटन।

अमित शाह ने कहा कि आज़ादी के 75 वर्ष बाद हमारा देश बहुत बड़ी यात्रा तय कर विश्व में पांचवे नंबर का अर्थतंत्र बना है और कुछ ही सालों में हम तीसरे नंबर का अर्थतंत्र बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हम 2047 में आज़ादी की शताब्दी के समय विश्व में हर क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान पर पहुंचने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी परंपराओं, जिनमें विश्व बंधुत्व की ओर ले जाने की क्षमता, हर मानव के अंदर की आत्मा को परमात्मा के साथ जोड़ने औऱ हर जीवन को सदवृति के मार्ग पर चलाने की शक्ति है, को भी आगे ले जाना भारत का लक्ष्य होना चाहिए और ब्रह्मकुमारी जैसी संस्थाएं इस दिशा में अच्छे से काम कर रही हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमारे सुरक्षाबलों के त्याग, तप और बलिदान के कारण आज हम सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षाबलकर्मी हर प्रकार के कठिन वातावरण और परिस्थितियों में देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि आंतरिक सुरक्षा में सेना, CAPFs और राज्यों के पुलिस बल कानून और व्यवस्था को संभालकर हर निर्बल को संरक्षण देने का काम करते हैं और ये काम कई प्रकार के तनाव पैदा करने वाला होता है। अमित शाह ने कहा कि इस तनाव से हमारे सुरक्षाकर्मियों को बाहर लाकर उनके मन, आत्मा और शरीर को शांति के मार्ग पर प्रशस्त करने का प्रयास करना अपने आप में बहुत बड़ा काम है। उन्होंने कहा कि 25 साल से हर सुरक्षाबल में जाकर कर्मियों के तनाव को कम कर आत्मा को शांति की ले जाना और शांत मन और स्वस्थ शरीर के साथ देश की सुरक्षा को और अच्छे से सुनिश्चित करने की दिशा में ब्रह्मकुमारी के प्रयास प्रशंसनीय हैं।

अमित शाह ने कहा कि योग और आध्यात्म से मन, शरीर, बुद्धि और आत्मा को एकरूप कर ज्ञान से प्रगति के रास्ते पर जाने और चिंतन से समस्याओं के निवारण के लिए नीतियों का सृजन करना भारत की बहुत पुरानी परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि हम इस परंपरा को आज भी पूरे विश्व में पहुंचे के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने सबसे पहले वसुधैव कुटुंबकम की भावना विश्व को दी और पूरा विश्व मेरा परिवार है, इस भावना के साथ हमारे उपनिषदों ने पूरे विश्व को हमारा परिवार बनाया। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिन मनाकर हमारी वैदिक परंपरा को पूरे विश्व को देने का काम किया। उन्होंने कहा कि आज विश्व में करोड़ों लोग योग, ध्यान और आध्यात्म के रास्ते पर अपने जीवन को चलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये रास्ता ही आने वाले दिनों में विश्व शांति का रास्ता बनने वाला है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पूज्यनीय लेखराज कृपलानी जी ने आत्मा, परमात्मा और सृष्टिचक्र का जो ज्ञान प्राप्त किया उसी को ब्रह्मा कहा गया है और उसी के प्रचार के लिए ब्रह्मकुमारी की स्थापना की गई थी। उन्होंने कहा कि वर्षों से हम मां के अंदर देवी का वास देखते आ रहे हैं और वर्षों से इस संस्था को चलाने में मातृशक्ति का अहम रोल रहा है। उन्होंने कहा कि स्वपरिवर्तन से विश्व में परिवर्तन और व्यक्ति बदलता है तो ही विश्व को बदलने का कारण बन सकता है, इस थीम पर कई प्रकार के सदविचार ब्रह्मकुमारी ने विश्वभर में पहुंचाए हैं। गृह मंत्री ने कहा कि ब्रह्मचर्य का पालन, शाकाहार, नशामुक्ति, सादगीपूर्ण जीवन, ध्यान और इसके माध्यम से आत्मा का परमात्मा से मिलन और आत्मज्ञान की प्राप्ति से शुद्ध, शांत और अमर आत्मा के अंश की अनुभूति करने जैसी सारी चीजों को ब्रह्मकुमारी ने सरल और सहज तरीके से लोगों तक पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि मातृशक्ति के माध्यम से ब्रह्मकुमारी पूरे विश्व में शांति और संवाद का संदेश लेकर भारत की संस्कृति के राजदूत बनकर काम कर रहे हैं।

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