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IICA and DGR successfully complete the 2nd Certification Programme for Independent Directors with Senior Defence Officials
भारत

IICA और DGR ने वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों के साथ स्वतंत्र निदेशक के लिए दूसरा प्रमाणन कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा किया

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (आईआईसीए) ने डायरेक्टरेट जनरल रीसेटलमेंट (डीजीआर) के साथ 5 मई 2025 से 16 मई 2025 तक गुरुग्राम के मानेसर स्थित आईआईसीए कैंपस में वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों के साथ कार्यक्रम का दूसरा बैच संचालित किया।

सभी तीनों सेवाओं से एयर मार्शल, वाइस एडमिरल, रियर एडमिरल, एयर वाइस मार्शल, मेजर जनरल, ब्रिगेडियर, कर्नल और ग्रुप कैप्टन श्रेणियों के कुल 30 वरिष्ठ अधिकारियों ने द्वि साप्ताहिक प्रमाणन कार्यक्रम में प्रतिनिधित्व किया।

समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता आईआईसीए के डीजी एवं सीईओ ज्ञानेश्वर कुमार सिंह ने की। समापन कार्यक्रम को लेफ्टिनेंट जनरल एसबीके सिंह, एसएम, डायरेक्टर जनरल, डीजीआर एंड वाइस एडमिरल राजाराम स्वामीनाथन ने भी संबोधित किया, जिसमें उन्होंने सशस्त्र बलों और कॉरपोरेट जगत में होने वाले अनुभवों के बीच समानताएं बताईं। उन्होंने आगे रेखांकित किया कि कॉरपोरेट में सुशासन के लिए आवश्यक शर्तें- नैतिकता और अखंडता, सशस्त्र बलों में पहले से ही मौजूद हैं, और नई स्किल्स, जानकारी और अनुभवों को साथ लेकर बदलते भारतीय कॉरपोरेट परिदृश्य में परिवर्तनकर्ता के तौर पर स्थापित करती हैं।

आईआईसीए के डीजी एवं सीईओ ज्ञानेश्वर कुमार सिंह ने उभरते भारतीय कॉरपोरेट परिदृश्य में अनुभवी लोगों की ओर से निभाई जाने वाली अपेक्षित भूमिकाओं के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने संबोधन में विशेष प्रकार के क्षेत्रों में सशस्त्र बलों की ओर से अधिक क्षमता और उत्पादन पर जोर दिया और रेखांकित किया कि किस प्रकार से यह अनुभवी लोगों का यह अनुभव भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र का हिस्सा रहते हुए राष्ट्र निर्माण के योग्य बनाएगा। ज्ञानेश्वर कुमार सिंह ने अपने विचार को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सशस्त्र बलों की ओर से मिली दक्षता का इस्तेमाल, उन अनुभवों में इस्तेमाल होने वाले क्षेत्रों में किया जाना चाहिए, जो अंततः विकसित भारत की उपलब्धि का नेतृत्व करेगा। कार्यक्रम के प्रतिभागियों को दिए गए संबोधन में ज्ञानेश्वर कुमार सिंह ने एक विशेष पहलू को कवर करते हुए प्रतिभागियों को उद्यमिता विकास पर ध्यान केंद्रित करने को कहा, जो आगे जाकर रोजगार निर्माण करेगा, जो न केवल दिग्गज साथियों के लिए है, बल्कि बड़े स्तर पर पूरे राष्ट्र के लिए है, जो एमएसएमई क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा।

आईआईसीए में कॉरपोरेट गवर्नेंस एंड पब्लिक पॉलिसी स्कूल के हेड डॉ. नीरज गुप्त ने अपने संबोधन के दौरान सर्वाधिक महत्वपूर्ण हालातों के बावजूद पूरे कार्यक्रम में प्रतिभागियों की उपस्थिति बनाए रखने पर धन्यवाद किया। उन्होंने सार्वजनिक शासन, सैन्य शासन और कॉरपोरेट शासन के विचारों के बीच कन्वर्जेंस और डाइवर्जेंस प्वाइंट्स पर जोर दिया। उन्होंने जोर दिया कि द्वि साप्ताहिक कार्यक्रम का उद्देश्य: (i) प्रतिभागियों को कॉरपोरेट प्रशासन की नियामक समझ और विचारों को समझाना, (ii) स्वतंत्र डायरेक्टर की भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में बताना और, (iii) कॉरपोरेट बोर्ड में योगदान देने में मदद करना था।

कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए प्रमाणन कार्यक्रम को आईआईसीए में प्रधान रिसर्च असोसिएट डॉ. अनिंदिता चक्रवर्ती और आईआईसीए में वरिष्ठ रिसर्च असोसिएट सीएस आशीष कुमार ने पूरा किया। कॉरपोरेट मामलों पर जानकारी के भंडार, मंत्रालय, कॉरपोरेट और अन्य इकाइयों जैसे नियामकों के साथ नियामक फ्रेमवर्क पर काम करने वाले आईआईसीए ने एक उत्प्रेरक के तौर पर अपनी भूमिका निभाई।

संस्थान हमेशा से ही सुशासन के प्रचार और जिम्मेदार व्यापार आचरण से जुड़ी पहलों में अग्रणी रहा है।

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