मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में 19 कैबिनेट मंत्री समेत 34 पुराने मंत्री बरकरार; उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र को मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी निवर्तमान मंत्रिपरिषद के 19 कैबिनेट मंत्रियों समेत 34 मंत्रियों को बरकरार रखा है। शपथ लेने वाले निवर्तमान कैबिनेट मंत्रियों में राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर शामिल है, जो प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल में निरंतरता और अनुभव पर जोर को दर्शाता है। अन्नपूर्णा देवी एकमात्र ऐसी मंत्री हैं जिन्हें राज्य मंत्री से कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है, जबकि एल. मुरुगन पिछले मंत्रिपरिषद के एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद दोबारा मंत्री बनाया गया है। वह पहले से ही राज्यसभा के सदस्य हैं। कुछ मंत्रियों को एक अंतराल के बाद वापस लाया गया है, जिनमें भाजपा प्रमुख जे पी नड्डा भी शामिल हैं, जो मोदी के पहले कार्यकाल में मंत्री थे। जुएल ओराम और अजय टम्टा भी पहले मंत्री थे और कुछ अंतराल के बाद उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी की नयी मंत्रिपरिषद में उत्तर प्रदेश और बिहार को अधिकतम प्रतिनिधित्व मिला है, जबकि महाराष्ट्र से भी छह सांसदों को मंत्री बनाया गया, जहां विधानसभा चुनाव इस साल होने हैं। लोकसभा में सबसे अधिक 80 सदस्य भेजने वाले उत्तर प्रदेश को नौ मंत्री पद मिले हैं, जिनमें एक कैबिनेट मंत्री शामिल है जबकि बिहार से आने वाले कुल आठ मंत्रियों में से चार को कैबिनेट पद मिले हैं। रविवार को शपथ लेने वाली मंत्रिपरिषद में महाराष्ट्र से दो कैबिनेट मंत्रियों सहित छह मंत्री बने हैं जबकि गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान से पांच-पांच सांसदों को मंत्री बनाया गया है। हरियाणा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु से तीन-तीन मंत्री बनाए गए हैं। ओडिशा, असम, झारखंड, तेलंगाना, पंजाब, पश्चिम बंगाल और केरल को दो-दो मंत्रिपद मिले हैं।