केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने आज पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा भारी उद्योग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत ईवी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्यान्वयन की समीक्षा करने और इसमें तेजी लाने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समन्वय बैठक की अध्यक्षता की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में इस योजना की शुरुआत की गई। योजना का उद्देश्य स्वच्छ परिवहन को सक्षम बनाने और जीवाश्म ईंधन पर भारत की निर्भरता को कम करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी ईवी-अनुकूल इको-सिस्टम का निर्माण करना है।
2,000 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ, पीएम ई-ड्राइव योजना देश भर में लगभग 72,000 ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना का समर्थन करेगी। इन स्टेशनों को 50 राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के साथ-साथ मेट्रो शहरों, टोल प्लाजा, रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों, ईंधन आउटलेट और राज्य राजमार्गों जैसे सघन यातायात वाले स्थानों पर रणनीतिक रूप से तैनात किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत टिकाऊ परिवहन के लिए एक वैश्विक मॉडल बनने की राह पर है। पीएम ई-ड्राइव योजना एक परिवर्तनकारी पहल है, जिसका उद्देश्य हमारे नागरिकों को परिवहन के स्वच्छ, किफायती और सुविधाजनक विकल्पों तक पहुंच प्रदान करना है। हम केवल इन्फ्रास्ट्रक्चर ही नहीं बना रहे हैं, बल्कि हम ऊर्जा सुरक्षा और हरित आर्थिक विकास की नींव भी रख रहे हैं।”
एचडी कुमारस्वामी ने इस पहल के क्रियान्वयन में विभिन्न हितधारकों की एकीकृत भूमिका को भी स्वीकार किया। बीएचईएल (भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) को डिमांड एग्रीगेशन और एकीकृत डिजिटल सुपर ऐप के विकास के लिए नोडल एजेंसी के रूप में माना जा रहा है, जो पूरे भारत में ईवी उपयोगकर्ताओं के लिए एकल मंच के रूप में काम करेगा।
ऐप में पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत राष्ट्रीय स्तर पर तैनाती को ट्रैक करने के लिए रियल-टाइम स्लॉट बुकिंग, भुगतान एकीकरण, चार्जर उपलब्धता की स्थिति और प्रगति डैशबोर्ड की सुविधा होगी। चार्जर स्थापना के प्रस्तावों को संकलित करने और उनका मूल्यांकन करने के लिए बीएचईएल राज्यों और मंत्रालयों के साथ समन्वय भी करेगा।
एचडी कुमारस्वामी ने सहयोगात्मक संघवाद और मिशनों के एकजुट प्रयास के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “केवल स्वच्छ ऊर्जा के रूप में बदलाव से ही सफल नहीं हो सकते। यह बैठक एक सरकार के रूप में काम करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मंत्रालय, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम और राज्य सभी जमीनी स्तर पर परिणाम देने के लिए एकजुट हैं। हमें विश्वास है कि पीएम ई-ड्राइव नए उद्योगों को बढ़ावा देगा, हरित रोजगार पैदा करेगा और हर भारतीय को निर्बाध इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रदान करेगा।”
इस परियोजना की सफलता से भारत में परिवहन से होने वाले कार्बन उत्सर्जन में महत्वपूर्ण कमी आने, ईवी इन्फ्रास्ट्रक्चर में मेक इन इंडिया विनिर्माण को बढ़ावा मिलने तथा भविष्य में नेट-जीरो मोबिलिटी के लिए आधार तैयार होने की उम्मीद है।