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India aims to achieve $5 trillion economic growth by 2027 - Union Minister Nitin Gadkari
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भारत का लक्ष्य वर्ष 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की आर्थिक वृद्धि हासिल करना है: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत की आर्थिक वृद्धि में योगदान के लिए सभी हितधारकों का आभार व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के सरकार के लक्ष्य को दोहराया है। आज नई दिल्ली में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के 120वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का राष्ट्रीय दृष्टिकोण भी प्रस्‍तुत किया।

नितिन गडकरी ने जोर देकर कहा कि भौतिक प्रगति के साथ ही राष्ट्रीय विकास में तीन प्रमुख स्तंभों—नैतिकता, अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी/पर्यावरण का मार्गदर्शन रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ सामाजिक और पारिवारिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए नैतिक मूल्य आवश्यक हैं। उन्‍होंने सभी क्षेत्रों के बीच एकीकृत सोच, समन्वय और सहयोग के महत्व पर बल दिया।

ऑटोमोबाइल (वाहन क्षेत्र) उद्योग का उदाहरण देते हुए श्री गडकरी ने कहा कि जब वर्ष 2014 में मोदी सरकार ने कार्यभार संभाला था, तब भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग14 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ विश्व में सातवें स्थान पर था पर आज 22 लाख करोड़ रुपये के उद्योग आकार के साथ वह जापान को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाज़ार बन गया है। श्री गडकरी ने विश्वास व्यक्त किया कि अनुसंधान, नवाचार और इथेनॉल, मेथनॉल, बायो-डीज़ल, एलएनजी, इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन ईंधन जैसे वैकल्पिक ईंधन अपनाने में प्रगति के साथ ही भारत अगले पांच वर्षों में विश्व स्तर पर अग्रणी ऑटोमोबाइल विनिर्माणकर्ता देश बन सकता है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि वैकल्पिक ईंधनों के इस्‍तेमाल से सालाना 22 लाख करोड़ रुपये मूल्य के कच्चे तेल के आयात में कमी लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि कैसे इथेनॉल उत्पादन नीति सुधारों ने मक्के के बाजार मूल्य में भी बढ़ोतरी ला दी ह जिससे किसानों को विशेषकर उत्तर प्रदेश और बिहार के किसानों को लाभ हुआ है और उनकी आय में 45,000 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। उन्होंने इस पर ज़ोर दिया कि आयात में कमी और घरेलू उत्पादन में वृद्धि से विकास, क्रय शक्ति और रोज़गार बढ़ेंगे।

नितिन गडकरी ने सोनीपत में हाल ही में आरंभ की गई इलेक्ट्रिक ट्रक बैटरी स्वैपिंग सुविधा का उदाहरण देते हुए, डीज़ल की तुलना में इसकी आर्थिक व्यवहार्यता का उल्‍लेख किया। उन्होंने बताया कि प्रति किलोमीटर बिजली की लागत डीज़ल की तुलना में काफ़ी कम है, जिससे परिचालन लागत कम हो जाती है। उन्होंने बताया कि ढांचागत क्षेत्र में सुधार से भारत का औसत परिचालन लागत जीडीपी का 16 प्रतिशत कम हुआ है। उन्‍होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस वर्ष के अंत तक, यह लागत घटकर करीब 9 प्रतिशत रह जाएगी।

नितिन गडकरी ने नवाचार, अनुसंधान और उद्यमिता के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि कोई भी सामग्री या मनुष्‍य अनुपयोगी नहीं होता। उन्होंने मथुरा में सीवेज के कचरे को जैव ऊर्जा में बदलने और सड़क निर्माण में पुराने कचरे का उपयोग करने जैसी परियोजनाओं के उदाहरण दिए। केन्‍द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि लगभग 80 लाख टन कचरे का उपयोग सड़क परियोजनाओं में किया जा चुका है, जिससे पर्यावरणीय स्थिरता में भी योगदान हुआ है।

नितिन गडकरी ने कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में संतुलित विकास का आह्वान किया। उन्होंने उद्योग जगत से कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। उन्‍होंने कहा कि संतुलित विकास लोगों के अन्‍यत्र प्रवासन में कमी लाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए आवश्यक है।

नितिन गडकरी ने दोहराया कि ढांचागत विकास अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। यह रोज़गार और राजस्व उत्‍पन्‍न करने के साथ ही सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देता है। उन्होंने इस बात का उल्‍लेख किया कि राष्ट्रीय राजमार्गों में 100 रुपये का निवेश जीडीपी में 321 रुपये का योगदान देता है।

सड़क विकास में लागू किए जा रहे वित्तीय मॉडलों की चर्चा करते हुए, नितिन गडकरी ने बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) और टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर (टीओटी) मॉडलों के तहत, मंत्रालय ने पूंजी बाजार से सफलतापूर्वक निवेश जुटाया है। उन्होंने कहा कि पहले इनविट बॉन्ड इश्यू होने के कुछ ही घंटों में सात गुना अधिक अभिदान मिला, जो निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है। उन्होंने छोटे निवेशकों और श्रमिकों को समृद्ध बनाकर अर्थव्यवस्था सुदृढ करने में धन के विकेंद्रीकरण के महत्व पर ज़ोर दिया।

नितिन गडकरी ने देश भर के प्रमुख शहरों और बंदरगाहों को जोड़ने वाले 25 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (नई सड़क योजना) सहित मौजूदा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि सड़क संपर्क में सुधार और यात्रा समय में कमी लाने के लिए ज़ोजिला सुरंग और दिल्ली-कटरा-अमृतसर एक्सप्रेसवे जैसे गलियारों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से बौद्ध सर्किट और केदारनाथ में रोपवे जैसे पर्यटन सर्किट विकसित किए जाने से धार्मिक पर्यटन और राजस्व सृजन को बढ़ावा मिलेगा।

नितिन गडकरी ने अपना संबोधन यह दोहराते हुए संपन्‍न किया कि सरकार का दृष्टिकोण सुरक्षित, सुविधाजनक, संवहनीय और आर्थिक रूप से समृद्ध बुनियादी ढांचे के निर्माण पर केंद्रित है जो रोजगार उत्‍पन्‍न करने के साथ ही निर्यात को बढ़ावा देता है और समावेशी राष्ट्रीय विकास में सहायक है।

नितिन गडकरी ने उद्योग उत्कृष्टता के लिए पीएचडीसीसीआई बिजनेस प्रैक्टिसेज एंड अवार्ड्स 2025 भी प्रदान किए।

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