भारत और रूस ने वायु रक्षा को मजबूत बनाने के लिए ‘पैंट्सिर वेरिएंट’ समझौते पर हस्ताक्षर किये
भारत में रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के एक प्रमुख उपक्रम ने ‘पैंट्सिर वायु रक्षा मिसाइल-गन प्रणाली’ के वेरिएंट पर सहयोग के लिए रूस के ‘रोसोबोरोनएक्सपोर्ट’ के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। पैंट्सिर वायु रक्षा प्रणाली ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिसे अहम सैन्य और औद्योगिक केंद्रों को हवाई खतरों से बचाने व वायु रक्षा इकाइयों को मजबूत बनाने के लिए बनाया गया है।
रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (डीपीएसयू) के अनुसार, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और ‘रोसोबोरोनएक्सपोर्ट’ के बीच समझौता ज्ञापन पर हाल ही में गोवा में पांचवें आईआरआईजीसी (भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग उपसमूह) के दौरान हस्ताक्षर किए गए। बीडीएल को 1970 में रक्षा मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के रूप में शामिल किया गया था। इसका उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों के लिए निर्देशित मिसाइल प्रणालियों और संबद्ध उपकरणों का निर्माण करना था। बीडीएल का मुख्यालय हैदराबाद में स्थित है।
बीडीएल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया, “भारत डायनेमिक्स लिमिटेड और रूस के ‘रोसोबोरोनएक्सपोर्ट’ ने पैंट्सिर वेरिएंट पर सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।” पोस्ट में बताया गया, “बीडीएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कमोडोर ए. माधवराव, (सेवानिवृत्त) और नौसेना विभाग के डीडीजी कोवलेंको जर्मन ने गोवा में पांचवें आईआरआईजीसी उपसमूह से इतर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।” यह समझौता रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव की ‘कार्य यात्रा’ से पहले हुआ। मंटुरोव ने मुंबई में रूसी-भारतीय व्यापार मंच में भाग लिया। विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल हुए।