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भारत और रूस ने एल्युमीनियम, उर्वरक, रेलवे और खनन प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए

आधुनिकीकरण और औद्योगिक सहयोग पर भारत-रूस कार्य समूह का 11वां सत्र नई दिल्ली स्थित वाणिज्य भवन में व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के ढांचे के अंतर्गत आयोजित किया गया।

भारतीय पक्ष की ओर से सत्र की सह-अध्यक्षता वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने की और रूसी पक्ष की ओर से वहां के उद्योग एवं व्यापार उपमंत्री एलेक्सी ग्रुजदेव ने की।

इस बैठक में दसवें सत्र के बाद से हुई प्रगति की समीक्षा की गई और प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को मज़बूत करने के लिए एक मंच प्रदान किया गया। चर्चाओं में आधुनिकीकरण, खनन, उर्वरक और रेल परिवहन के साथ-साथ सहयोग के उभरते क्षेत्रों पर उप-समूहों द्वारा दी गई नवीनतम जानकारी शामिल थी।

मुख्‍य फोकस क्षेत्रों में एयरोस्पेस विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सहयोग शामिल था, जिसमें एक आधुनिक पवन सुरंग सुविधा की स्थापना, छोटे विमान पिस्टन इंजन का उत्पादन और कार्बन फाइबर प्रौद्योगिकी, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग और 3डी प्रिंटिंग में संयुक्त विकास शामिल है। दोनों पक्षों ने दुर्लभ मृदा और महत्वपूर्ण खनिजों के निष्कर्षण, भूमिगत कोयला गैसीकरण और आधुनिक औद्योगिक बुनियादी ढांचे के निर्माण में भी अवसरों का पता लगाया।

दोनों पक्षों ने एल्युमीनियम, उर्वरक और रेलवे परिवहन के क्षेत्र में संवर्धित सहभागिता का स्वागत किया, साथ ही खनन क्षेत्र के उपकरण, अन्वेषण और औद्योगिक एवं घरेलू अपशिष्ट प्रबंधन में क्षमता निर्माण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का भी स्वागत किया।

बैठक का समापन दोनों सह-अध्यक्षों द्वारा 11वें सत्र के प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर के साथ हुआ, जिसमें भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी और औद्योगिक व आर्थिक सहयोग को और मजबूत करने की साझा प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि की गई।

इस सत्र में दोनों पक्षों के लगभग 80 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, क्षेत्र विशेषज्ञ और उद्योग जगत के प्रतिनिधि शामिल थे।

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