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India poised to pioneer affordable and innovative healthcare solutions
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भारत किफायती और अभिनव स्वास्थ्य सेवा समाधानों को आगे बढ़ाने के लिए तैयार

फार्मास्यूटिकल्स विभाग के सचिव अमित अग्रवाल ने नई दिल्ली में आयोजित 17वें सीआईआई ग्लोबल मेडटेक शिखर सम्मेलन में भारत के चिकित्सा प्रौद्योगिकी के उभरते केंद्र के रूप में परिवर्तन पर प्रकाश डाला। इस शिखर सम्मेलन का विषय था, “स्वस्थ भविष्य के लिए नवाचार – वैश्विक प्रभाव के लिए मेडटेक को आगे बढ़ाना: मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड”।

अमित अग्रवाल ने चिकित्सा प्रौद्योगिकी के हितधारकों को उद्घाटन सत्र में संबोधित करते हुए कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी और तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश है, इसलिए आने वाले दशकों में किफायती और अभिनव स्वास्थ्य सेवा समाधानों की घरेलू मांग लगातार दोहरे अंकों की वृद्धि दर से बढ़ने वाली है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि चिकित्सा प्रौद्योगिकी क्षेत्र का मुख्य लक्ष्‍य मरीज़ों की भलाई और घरेलू व वैश्विक, दोनों बाज़ारों के लिए उच्च-गुणवत्ता वाले, किफ़ायती चिकित्सा उपकरणों के विकास पर केंद्रित रहना चाहिए।

अमित अग्रवाल ने कहा कि कोविड के बाद, भारत ने एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनों, मैमोग्राफी इकाइयों, वेंटिलेटर, स्टेंट, हर्ट वाल्व, डायलिसिस मशीनों और कई प्रकार के प्रत्यारोपण उपकरणों सहित उन्नत उपकरणों के घरेलू निर्माण में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि सफलतापूर्वक हासिल कर ली है। एक दशक पहले जो उत्पाद स्थानीय उत्पादन के लिए असंभव लगते थे, अब देश में ही बनाए जा रहे हैं, जो देश की बढ़ती क्षमताओं और नवाचार इकोसिस्‍टम को दर्शाता है।

इस क्षेत्र के लिए सरकार के सहयोग पर सचिव महोदय ने आगामी वर्ष में शुरू होने वाले तीन समर्पित चिकित्सा उपकरण पार्कों, उनके निरंतर बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए नियोजित सहायता और चिकित्सा उपकरणों के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का उल्लेख किया, जो उद्योग को आगे बढ़ाने वाले प्रमुख नीतिगत कदम हैं। अमित अग्रवाल ने प्रयोगशाला से बाज़ार तक की यात्रा को तेज़ करने के लिए नवप्रवर्तकों, उद्यमियों और निवेशकों के बीच गहन सहयोग का आह्वान किया जिससे देश की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता मज़बूत हो सके।

चिकित्सा उपकरण पार्क सुविधाओं का विस्तार, उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना और पिछड़े एकीकरण के लिए सीमांत निवेश योजना जैसी लक्षित नीतिगत पहल, और जल्द ही शुरू होने वाली ₹5,000 करोड़ की फार्मा मेडटेक क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार संवर्धन (पीआरआईपी) योजना के परिणामस्वरूप भारतीय मेडटेक क्षेत्र की लागत-प्रतिस्पर्धात्मकता और उत्पादन दक्षता में वृद्धि, घरेलू मूल्य श्रृंखला का गहनीकरण और एक मजबूत नवाचार इकोसिस्‍टम का निर्माण होगा। देश को न केवल अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाएंगे, बल्कि वैश्विक उत्तर और दक्षिण दोनों को किफायती नवीन स्वास्थ्य सेवा समाधान भी प्रदान करेंगे।

अमित अग्रवाल ने कहा कि दुनिया भर के देश अब भारत को न केवल एक बाज़ार के रूप में, बल्कि स्वास्थ्य सेवा नवाचार में अग्रणी के रूप में भी देखते हैं। हमें अपनी क्षमताओं पर विश्वास करना होगा और मेडटेक क्षेत्र की पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिए उद्योग-सरकार साझेदारी को और मज़बूत करना होगा। उन्होंने कहा कि चल रहे आर्थिक सुधारों और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समझौतों के साथ, यह क्षेत्र लाखों नए रोज़गार पैदा करेगा और साथ ही सभी के लिए सुलभ, उच्च-गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने में मदद करेगा।

उन्होंने भारत के मेडटेक विजन को आकार देने में योगदान देने के लिए सभी हितधारकों को आमंत्रित किया और विकसित भारत 2047 के भारत के विजन को साकार करने के लिए सभी हितधारकों के साथ साझेदारी में मूल्य श्रृंखला में सहयोगात्मक और ठोस प्रयासों का आह्वान किया।

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