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India re-elected as President of International Solar Alliance
अंतर्राष्ट्रीय भारत

भारत फिर चुना गया अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का अध्यक्ष

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) असेंबली ने नई दिल्ली के प्रतिष्ठित भारत मंडपम में चल रहे सातवें सत्र में आज 2024 से 2026 तक दो साल की अवधि के लिए अपने अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष का चुनाव किया। इसमें भारत अध्यक्ष पद के लिए एकमात्र दावेदार था, सह-अध्यक्षता के लिए फ्रांस और ग्रेनेडा के बीच मुकाबला हुआ, जिसमें फ्रांस विजयी हुआ।

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन असेंबली के प्रक्रिया नियमों में अध्यक्ष, सह-अध्यक्ष और उपाध्यक्षों के चुनाव का प्रावधान है।

आईएसए एसेंबली समान भौगोलिक प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष का चुनाव करती है। आईएसए सदस्यों के चार क्षेत्रीय समूहों में अफ्रीका, एशिया और प्रशांत, यूरोप और अन्य, तथा लैटिन अमेरिका और कैरिबियन शामिल हैं। आईएसए सदस्य देशों से रोटेशन के आधार पर वरिष्ठता क्रम में स्थायी समिति के आठ उपाध्यक्षः- आईएसए के चार भौगोलिक क्षेत्रों में से प्रत्येक से दो-दो देश चुने जाते हैं।

इस चुनावी प्रक्रिया के बाद घाना और सेशेल्स अफ्रीका क्षेत्र के लिए उपाध्यक्ष के रूप में पदभार संभालेंगे; ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए; जर्मनी और इटली यूरोप और अन्य क्षेत्र के लिए; ग्रेनेडा और सूरीनाम लैटिन अमेरिका और कैरिबियन क्षेत्र के लिए जिम्मेदारी संभालेंगे।

असेंबली आईएसए के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय के रूप में महत्वपूर्ण अधिकार और जिम्मेदारी निभाती है। यह प्रत्येक सदस्य देश का प्रतिनिधित्व करती है और आईएसए के फ्रेमवर्क समझौते के कार्यान्वयन और इसके उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए किए जाने वाले समन्वित कार्यों के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लेती है।

असेंबली आईएसए के लिए मंत्री स्तर पर सालाना बैठक करती है, जो इन बैठकों की नियमितता और महत्व को रेखांकित करती है

आईएसए असेंबली का सातवां सत्र वर्तमान में आईएसए की प्रमुख पहलों पर विचार-विमर्श कर रहा है, जिसमें तीन महत्वपूर्ण मुद्दों- ऊर्जा पहुंच, ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा परिवर्तनीयता पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इन चर्चाओं का उद्देश्य इन प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श कर उनका समाधान खोजना है।

आईएसए के प्रशासन निकाय, असेंबली, स्थायी समिति और क्षेत्रीय समितियां, गठबंधन में प्रशासन और निर्णय लेने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण प्रदान करती हैं। ये बैठकें आईएसए सचिवालय को आईएसए सदस्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाने का अवसर प्रदान करती हैं। इसके अलावा सदस्य देशों को आपसी सहयोग में सुधार करने, सहयोग और साझेदारी के अवसरों की पारस्परिक रूप से पहचान करने की क्षमता प्रदान करती हैं।

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के बारे में

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन 120 सदस्य और हस्ताक्षरकर्ता देशों वाला एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। यह दुनिया भर में ऊर्जा पहुंच और ऊर्जा सुरक्षा में सुधार करने और कार्बन डाई ऑक्साइड के स्थान पर सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकारों के साथ काम करता है। आईएसए का मिशन 2030 तक सौर ऊर्जा में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश को प्रोत्साहित करते हुए प्रौद्योगिकी और इसके वित्तपोषण की लागत को कम करना है। यह कृषि, स्वास्थ्य, परिवहन और बिजली उत्पादन क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देता है।

आईएसए के सदस्य देश नीतियों और विनियमों को लागू कर, सर्वोत्तम विधियों को साझा करके, सामान्य मानकों पर सहमति जताकर और निवेश जुटाकर बदलाव ला रहे हैं। इस कार्य के माध्यम से, आईएसए ने सौर परियोजनाओं के लिए नए व्यावसायिक मॉडलों की पहचान कर, उन्हें डिजाइन किया और उनका परीक्षण कर, सरकारों को उनके ऊर्जा कानून और नीतियों को सौर ऊर्जा के अनुकूल बनाने के लिए सहायता प्रदान की है। इसने विभिन्न देशों से सौर प्रौद्योगिकी की मांग को एकत्र कर, लागतों को कम किया है। इस क्षेत्र को निजी निवेश के लिए अधिक आकर्षक बनाकर वित्त तक बेहतर पहुंच बनाई है और सौर इंजीनियरों और ऊर्जा नीति निर्माताओं के लिए सौर प्रशिक्षण, डेटा और अंतर्दृष्टि तक पहुच बढ़ाई है। इस संगठन का लक्ष्य सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरणों को बढ़ावा देना, दुनिया भर के समुदायों को स्वच्छ, विश्वसनीय और सस्ती ऊर्जा प्रदान करना, सतत विकास में वृद्धि और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।

6 दिसंबर 2017 को 15 देशों द्वारा आईएसए फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर और अनुमोदन के साथ, आईएसए भारत में मुख्यालय वाला पहला अंतरराष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन बन गया। आईएसए बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी), विकास वित्तीय संस्थानों (डीएफआई), निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों, नागरिक समाज और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ साझेदारी कर रहा है, ताकि कम विकसित देशों और छोटे द्वीप विकासशील राज्यों में सौर ऊर्जा के माध्यम से लागत प्रभावी और परिवर्तनकारी समाधान लागू किए जा सकें।

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