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India re-elected to Codex Executive Committee, secures unanimous mandate for collaborative global food governance
अंतर्राष्ट्रीय भारत

भारत कोडेक्स कार्यकारी समिति में फिर से चुना गया, सहयोगात्मक वैश्विक खाद्य प्रशासन के लिए सर्वसम्मत मैंडेट हासिल किया

भारत ने 48वें कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन (सीएसी48) में एक उत्पादक सत्र संपन्न किया है, जिसमें एक सर्वसम्मत मैंडेट हासिल किया गया है, जो सहयोगात्मक वैश्विक खाद्य प्रशासन के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को उजागर करता है। इसमें दक्षता, डेटा प्रबंधन और न्यायसंगत मानकों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के कार्यकारी अधिकारी राजित पुन्हानी ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और तकनीकी विशेषज्ञ संगठनों के साथ मिलकर किया, जिसने कई प्रमुख रणनीतिक परिणाम हासिल किए।

सबसे उल्लेखनीय परिणाम एशिया क्षेत्र के लिए कार्यकारी समिति (सीसीईएक्सईसी) में भारत का पुनः निर्वाचन था। ग्लोबल मेंबरशिप का यह एकमत से लिया गया फ़ैसला सीएसी50 (2027) के अंत तक भारत की सहयोगात्मक नेतृत्व की भूमिका की पुष्टि करता है, जिससे एशियाई महाद्वीप की तकनीकी और व्यापार प्राथमिकताओं का उच्चतम स्तर पर प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होता है।

इस हफ़्ते की शुरुआत में सीसीईएक्सईसी89 सत्र के दौरान एशिया सदस्य के रूप में भारत ने कोडेक्स की दक्षता और भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा में मजबूती से योगदान दिया। भारत ने विशेष रूप से खाद्य योजकों, कीटनाशक अवशेषों, पशु औषधियों, विश्लेषण विधियों तथा खाद्य संदूषकों से संबंधित डेटाबेस को अद्यतन और विकसित करने पर विशेष जोर दिया। भारत ने दस्तावेज अनुवाद सहित कोडेक्स कार्य प्रणालियों की दक्षता बढ़ाने हेतु कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी आधुनिक प्रौद्योगिकियों के उपयोग का भी समर्थन किया।

प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय और क्षेत्रीय हितों की रक्षा करने में सक्रिय था, मानकों को विकसित करते समय क्षेत्रीय डेटा पर विचार करने की आवश्यकता को उजागर करता रहा। भारत ने कई वैश्विक मानकों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई, जिससे इस क्षेत्र के लिए उनकी प्रासंगिकता और उपयोगिता सुनिश्चित हुई। ताज़े फल और सब्ज़ियों पर कोडेक्स समिति, जहां भारत ने दोनों मानकों के लिए कार्य समूह की अध्यक्षता की, ने स्टेप 8 में ताज़े खजूर के लिए मानक को अपनाया, जो व्यापार प्रथाओं को सामंजस्यपूर्ण बनाने और उत्पाद गुणवत्ता बढ़ाने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। ताज़े करी पत्तों के लिए मानक को भी अग्रेसित किया गया, जो इस क्षेत्रीय महत्व की पाक सामग्री के व्यापार को सुदृढ़ करेगा। कीटनाशक अवशेषज्ञों पर कोडेक्स समिति के लिए भारत ने संदर्भ सामग्री की स्थिरता और शुद्धता की निगरानी के लिए दिशा-निर्देशों को अपनाने में योगदान दिया और लंबे समय तक भंडारण के दौरान कीटनाशकों के संबंधित स्टॉक समाधान, जो प्रयोगशाला क्षमता को मजबूत करने और एमआरएलएस निर्धारित करने के लिए क्षेत्र से प्रस्तुत डेटा की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। भारत ने मूंगफली में एफ्लाटॉक्सिन कंटैमिनेशन को रोकने और कम करने के लिए रिवाइज्ड कोड ऑफ प्रैक्टिस में भी योगदान दिया और फूड एडिटिव्स के जनरल स्टैंडर्ड में फूड एडिटिव प्रोविजन्स को संरेखित किया। विश्लेषण और नमूनाकरण के तरीकों पर कोडेक्स समिति ने विश्लेषण और सैंपलिंग के अनुशंसित तरीकों (सीएक्सएस 234-1999) के एनेक्स के तौर पर “नाइट्रोजन से प्रोटीन कन्वर्जन फैक्टर्स” को शामिल करने को अपनाया, जो सभी फूड सेक्टर्स में कंपोजिशन और क्वालिटी असेसमेंट के लिए एक स्टैंडर्डाइज्ड टूल देता है, जिससे क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं के काम को फायदा होता है।

कृषि व्यापार के लिए एक बड़ी उपलब्धि काजू गिरी के लिए मानक को आगे बढ़ाना था। भारत ने इस काम को फिर से शुरू करने के लिए सफलतापूर्वक वकालत की और सीएसी48 ने टिप्पणियां एकत्र करने, सीसीईएक्सईसी90 द्वारा समीक्षा और तथा सीएससी49 में बाद में विचार के लिए प्रस्ताव तैयार करने के लिए एक सर्कुलर लेटर जारी करने की अनुशंसा की। यह मानक इस वैश्विक व्यापरिक वस्तु के लिए गुणवत्ता विनिर्देशों के सामंजस्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

क्षेत्रीय प्रभाव को प्रदर्शित करते हुए भारत ने एशिया क्षेत्र के लेवर उत्पादों के क्षेत्रीय मानक को वैश्विक मानक में बदलने का समर्थन किया तथा पाश्चुराइज़्ड लिक्विड कैमल मिल्क के लिए कमोडिटी स्टैंडर्ड पर नए काम का स्वागत किया।

सत्र का समापन इस प्रतिबद्धता के साथ हुआ कि भारत खाद्य सुरक्षा, गुणवत्ता और फेयर ट्रेड को बढ़ावा देने के लिए बहुपक्षीय प्रणाली के अंतर्गत निरंतर कार्य करता रहेगा।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, मसाला बोर्ड, मरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीईडीए), आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ न्यूट्रिशन, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद तथा फिक्की (एफआईसीसीआई) के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।

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