भारत राष्ट्रीय साइबर अभ्यास (एनसीएक्स) 2024 आयोजन का सफलतापूर्वक समापन हो गया है। यह कार्यक्रम भारत के साइबर सुरक्षा परिदृश्य में एक ऐतिहासिक उपलब्धि रहा है। इसने साइबर-रोधी, सहयोग और नवाचार में नए मानक स्थापित किए हैं। 600 से अधिक प्रशिक्षित प्रतिभागियों के साथ इस पहल ने साइबर सुरक्षा पेशेवरों, नीति निर्माताओं, रक्षा कर्मियों, शिक्षाविदों और उद्योग प्रमुखों को सामूहिक रूप से भारत की साइबर सुरक्षा तत्परता को मजबूत बनाने के लिए एक साथ एक मंच लाया गया।
इस कार्यक्रम में दो प्रमुख उपलब्धियां शामिल रहीं: डीजी एनसीआईआईपीसी द्वारा राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा संदर्भ प्रारूप का शुभारंभ और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित भारत राष्ट्रीय साइबर रेंज 1.0 का उद्घाटन। इन पहलों के साथ-साथ, भारत सीआईएसओ कॉन्क्लेव और भारत साइबर सुरक्षा स्टार्टअप प्रदर्शनी ने रणनीतिक चर्चाओं के लिए मंच प्रदान किए और साइबर सुरक्षा में अत्याधुनिक नवाचारों का प्रदर्शन भी किया।
समापन समारोह के दौरान, एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जॉनसन पी. मैथ्यू ने भारत की डिजिटल सीमाओं को सुरक्षित करने में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में भारत एनसीएक्स 2024 के महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने सहयोगात्मक भावना के साथ इस आयोजन को शानदार रूप से सफल बनाने की सराहना की और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में निरंतर नवाचार और दूरदर्शिता के महत्व पर जोर दिया।
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर प्रोफेसर कल्पेश वंद्रा ने राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा को आगे बढ़ाने में शिक्षाविदों की महत्वपूर्ण भूमिका पर अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए आरआरयू की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया, जिसका उदाहरण भारत नेशनल साइबर रेंज 1.0 के विकास में देखा गया।
राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक लेफ्टिनेंट जनरल एमयू नायर ने भारत एनसीएक्स 2024 के परिणामों का व्यापक अवलोकन प्रस्तुत करते हुए इसकी संक्षिप्त रूप से जानकारी दी। उन्होंने शिक्षण अभ्यासों के महत्व के साथ-साथ शुभारंभ की गई पहलों के रणनीतिक मूल्य और राष्ट्रीय साइबर तैयारियों को मजबूत करने में इस तरह के अभ्यासों की भूमिका पर जोर दिया।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में संयुक्त सचिव (साइबर) मेजर जनरल मंजीत सिंह ने कार्यक्रम के दौरान सीखे गए सबक का विस्तृत सारांश प्रस्तुत किया। उन्होंने साइबर-रोधी व्यवस्था को मजबूत बनाने के मामले में कार्रवाई योग्य सूचनाओं पर चर्चा करते हुए इस तरह की दूरदर्शी पहलों के माध्यम से निरंतर क्षमता निर्माण के महत्व पर प्रकाश डाला।
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के कर्नल निधिश भटनागर ने धन्यवाद ज्ञापन में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय की दूरदर्शी पहल की अवधारणा और उसे आगे बढाने के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय विशेष रूप से इसके संकाय, कर्मचारियों और छात्रों को भी हार्दिक धन्यवाद दिया, जिनके अथक प्रयासों और प्रतिबद्धता ने भारत एनसीएक्स 2024 के निर्बाध संचालन और सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारत एनसीएक्स 2024 की सफलता ने भारत की साइबर सुरक्षा यात्रा में एक परिवर्तनकारी कार्यक्रम के रूप में अपनी स्थित मजबूत की है, जिसमें 600 से अधिक प्रतिभागियों को प्रशिक्षण, भारत सीआईएसओ कॉन्क्लेव, भारत साइबर सुरक्षा स्टार्टअप प्रदर्शनी तथा राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा संदर्भ रूपरेखा और भारत राष्ट्रीय साइबर रेंज 1.0 जैसी महत्वपूर्ण पहलों का शुभारंभ शामिल है।
भारत एनसीएक्स 2024 ने अपने समापन के साथ, इस आयोजन में सहयोग, नवाचार और मजबूत राष्ट्रीय तैयारियों की विरासत का भी उदाहरण प्रस्तुत किया है जिससे एक सुरक्षित और आत्मनिर्भर डिजिटल भारत का मार्ग प्रशस्त होगा।