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India takes bold step towards 6G leadership, Dr. Pemmasani reiterates commitment to make India 6G a national mission
भारत

भारत ने 6जी नेतृत्व के लिए साहसिक कदम उठाया, डॉ. पेम्मासानी ने भारत 6जी को राष्ट्रीय मिशन बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई

संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने आज अगली पीढ़ी की 6जी प्रौद्योगिकियों के विकास में वैश्विक स्तर पर नेतृत्व करने के भारत के संकल्प पर जोर दिया। नई दिल्ली में ‘भारत 6जी 2025’ – तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी को संबोधित करते हुए उन्होंने भारत को प्रौद्योगिकी अपनाने वाले से मानक-निर्धारक बनने वाले देश के रूप में बदलाव पर प्रकाश डाला और सभी हितधारकों से भारत 6जी को केवल तकनीकी प्रयास के रूप में नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय मिशन के रूप में देखने का आग्रह किया।

इस कार्यक्रम में विश्व स्तर के प्रौद्योगिकी दिग्गजों, शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं को छठी पीढ़ी (6जी) संचार प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनने के लिए भारत की कार्य योजना पर एक साथ लाया गया।

डॉ. पेम्मासानी ने 6जी को एक परिवर्तनकारी अवसर बताया जो अगली पीढ़ियों के लिए कनेक्टिविटी को फिर से परिभाषित कर सकता है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि और स्मार्ट शहरों जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाने की 6जी की क्षमता को रेखांकित किया।

डॉ. पेम्मासानी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 मार्च, 2023 को भारत 6जी विजन लॉन्च किया था जो भारत के लिए 2030 तक 6जी प्रौद्योगिकियों को डिजाइन करने, विकसित करने और तैनात करने के लिए एक महत्वाकांक्षी मार्ग तैयार करता है। उन्होंने बताया कि भारत के 6जी विजन का लक्ष्य भारत 6जी गठबंधन; 111 से अधिक वित्त पोषित अनुसंधान परियोजनाओं; जापान, सिंगापुर तथा फिनलैंड के साथ वैश्विक साझेदारी और टेराहर्ट्ज संचार और एआई-नेटिव नेटवर्क में सफलताओं के माध्यम से 2030 तक भारत को वैश्विक 6जी नेता के रूप में स्थापित करना है।

6जी की तकनीकी संभावनाओं को रेखांकित करते हुए डॉ. पेम्मासानी ने कहा, “6जी न केवल वृद्धिशील सुधार प्रस्तुत करता है, बल्कि एक मौलिक परिवर्तन भी है… जो टेराहर्ट्ज़ आवृत्ति बैंड, 1 टेराबिट प्रति सेकंड की गति, उप-मिलीसेकंड विलंबता, बुद्धिमान स्व-उपचार नेटवर्क और वॉल्यूमेट्रिक कनेक्टिविटी – पानी के नीचे से लेकर एयरोस्पेस तक सक्षम बनाता है”।

डॉ. पेम्मासानी ने प्रधानमंत्री मोदी के सुरक्षित, समावेशी और वैश्विक रूप से प्रासंगिक 6जी प्रणाली के दृष्टिकोण की पुष्टि की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत का दृष्टिकोण प्रौद्योगिकी विकसित करना, वैश्विक मानकों को आकार देना और मानवता के लाभ के लिए डिजिटल परिवर्तन का नेतृत्व करना है। अपने संबोधन को विराम देते हुए केंद्रीय मंत्री ने मिशन का समर्थन करने के लिए सरकार की पूर्ण प्रतिबद्धता की पुष्टि की और दोहराया कि भारत के पास वैश्विक 6जी यात्रा का नेतृत्व करने के लिए आवश्यक पैमाना, नवाचार क्षमता और राजनीतिक इच्छाशक्ति है।

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