भारतीय सेना ने एकता और सद्भाव के शाश्वत अभ्यास का उत्सव मनाते हुए पूरे देश में 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया
भारतीय सेना ने एकता और सद्भाव के शाश्वत अभ्यास का उत्सव मनाते हुए पूरे देश में 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया। इस कार्यक्रम में विभिन्न स्थानों पर सेवारत कर्मियों, उनके परिवारों, बच्चों, दिग्गजों, एनसीसी कैडेटों और नागरिकों की भारी भागीदारी देखी गई। उत्तर में सियाचिन ग्लेशियर (केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख) की ठंडी ऊंचाइयों से लेकर कन्याकुमारी (तमिलनाडु) के तटीय क्षेत्रों और अंडमान निकोबार के अपतटीय द्वीपों पर तैनात सैनिकों ने भी योग किया। यह अवसर पश्चिम में लोंगेवाला (राजस्थान) और कच्छ (गुजरात) के इलाकों से लेकर पूर्व में किबिथु (अरुणाचल प्रदेश) और इंफाल (मणिपुर) के पहाड़ी इलाकों में भी मनाया गया।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने प्राचीन शहर मथुरा में आयोजित इस समारोह में सभी सैन्य अधिकारियों और उनके परिवारों के साथ भाग लिया। थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
दिल्ली में, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दिल्ली छावनी के करिअप्पा परेड ग्राउंड में मनाया गया, जहां सेवारत भारतीय सेना के जवान, मित्र देशों के रक्षा अताशे अपने परिवारों के साथ और एनसीसी कैडेटों ने भाग लिया। दिल्ली में योग सत्र का नेतृत्व उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने किया।
भारत के अलावा, दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र मिशनों में तैनात सभी भारतीय सेना की टुकड़ियों ने भी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया। स्थानीय लोगों ने भारी संख्या में इस उत्सव में भाग लिया।
आर्मी पैरालंपिक नोड में सेना के पैरा एथलीट, आर्मी बॉयज/गर्ल्स स्पोर्ट्स कंपनी के कैडेटों ने भी बहुत जोश और उत्साह के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में भाग लिया। आयुष मंत्रालय द्वारा प्रवर्तित कॉमन योग प्रोटोकॉल के अलावा ध्यान अभ्यास पर केंद्रित विशेष योग सत्रों में शीर्ष खिलाड़ियों ने भाग लिया। सीमावर्ती गांवों सहित विभिन्न शैक्षणिक प्रतिष्ठानों के छात्रों सहित स्थानीय आबादी ने भी समारोह में भाग लिया।
इस कार्यक्रम में विशेषज्ञ योग प्रशिक्षकों को शामिल किया गया, जिन्होंने प्रतिभागियों को शारीरिक फिटनेस, मानसिक शांति और आध्यात्मिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न ‘आसन’ और श्वास अभ्यास करने में मार्गदर्शन किया। इस वर्ष का विषय, “स्वयं और समाज के लिए योग”, समारोह में गहराई से गूंज उठा, जिसमें सभी कर्मियों ने राष्ट्र की सेवा में अपनी प्रतिबद्धता और जिम्मेदारियों को मजबूत किया।
इस कार्यक्रम ने इस पुरानी प्रथा के वैश्विक उत्सव के एक दशक को चिह्नित किया, जिसने शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण के लिए इसके लाभों के कारण दुनिया भर में अपना महत्व स्थापित किया है। योग प्राचीन भारतीय परंपरा का एक अमूल्य उपहार है जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य पर केंद्रित है।
भारतीय सेना ने पारंपरिक रूप से योग के महत्व को पहचाना है और इसे नियमित फिटनेस गतिविधियों पर अपने प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में अपनाया है। एक जिम्मेदार संगठन के रूप में भारतीय सेना योग के माध्यम से अच्छे स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता और कल्याण फैला रही है।