insamachar

आज की ताजा खबर

Indian Army showcases indigenous innovations at the annual idea and innovation contest 2024 ‘Inno-Yodha’
Defence News भारत

भारतीय सेना ने वार्षिक विचार एवं नवाचार प्रतियोगिता 2024 ‘इनो-योद्धा’ में घरेलू नवाचारों का प्रदर्शन किया

भारतीय सेना ने थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी की उपस्थिति में नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में इनो-योद्धा 2024-25 नामक विचार एवं नवाचार प्रतियोगिता और संगोष्ठी का आयोजन किया। इनो-योद्धा भारतीय सेना द्वारा आयोजित किया जाने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है। यह मौजूदा क्षमताओं की कमी को दूर करने, सैन्य गतिविधियों, लॉजिटिक्स और प्रशिक्षण क्षमताओं को बढ़ाने तथा सैन्य कार्रवाई प्रभावशीलता को विस्तार देने के लिए संस्थानिक नवाचारों की पहचान करता है।

भारतीय सेना के सामने सैन्य गतिविधियों से संबंधित अनेक चुनौतियां हैं, जो भूभाग, मौसम व प्रतिकूल खतरों की अनिश्चितताओं के कारण और भी गंभीर हो जाती हैं। भारतीय सेना संस्थानिक एवं स्वदेशी नवाचारों को बढ़ावा देती है, जो कि थल सेना में सैनिकों द्वारा अनुभव की गई चुनौतियों पर आधारित होते हैं। ये सैनिक अपने जुनून, सैन्य क्षमता और तकनीकी अभिविन्यास से प्रेरित होकर संबंधित क्षेत्रों में आने वाली चुनौतियों के लिए आंतरिक अनुभव के आधार पर समाधान ढूंढते हैं।

“इनो-योद्धा 2024-25” को एक प्रतियोगिता के रूप में आयोजित किया गया था और इसमें नए विचारों एवं नवीन समाधानों को बढ़ावा दिया गया, जिससे सैनिकों को अलग तरह से सोचने के लिए प्रोत्साहन मिलता है। चयनित नवाचारों को अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) / डिजाइन और विकास (डीएंडडी) / सेना प्रौद्योगिकी बोर्ड (एटीबी) परियोजनाओं तथा बेस वर्कशॉप द्वारा उत्पाद सुधार के माध्यम से आगे बढ़ाया जाता है। चयनित नवाचारों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) भी प्राप्त किए जाते हैं। सफल उन्नयन और उन्नतिकरण के बाद भारतीय सेना के लिए औद्योगिक ग्रेड के थोक उत्पादित उत्पाद की आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी को उद्योग जगत को हस्तांतरित किया जाता है। यह पहल भारतीय सेना के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के प्रयासों को भी बढ़ावा देती है।

इस वर्ष, भारतीय सेना के विभिन्न क्षेत्रों से कुल 75 नवाचारों को चुना गया, जिनका चयन यूनिट स्तर से लेकर फॉर्मेशन स्तर और अंत में संबंधित कमान मुख्यालयों तक किया गया। इन 75 नवाचारों में से 22 शीर्ष नवाचारों को कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शित किया गया और सेना प्रमुख द्वारा सम्मानित किया गया। क्षेत्रीय संरचनाओं की आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु इन्हें सेना डिजाइन ब्यूरो के तत्वावधान में उत्पादन के लिए आगे बढ़ाया जाएगा।

इस अवसर पर थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने नवप्रवर्तकों की रचनात्मकता एवं सरलता की सराहना की और सभी रैंकों से समस्या समाधान के लिए आलोचनात्मक सोच तथा नवीन दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, “हाल के संघर्षों ने दिखाया है कि नवाचार केवल एक शब्द नहीं है, बल्कि यह एक मानसिकता है। यह वह पहल है जो प्रगति को आगे बढ़ाती है और भविष्य को आकार देती है”। उन्होंने प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि वे अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से अपने विचारों को इस प्रतियोगिता तक लेकर पहुंचे हैं। सेनाध्यक्ष ने कहा कि प्रत्येक क्रियान्वित विचार के पीछे अनगिनत घंटों की सोच, अनुसंधान और परीक्षण होता है – जो सेना एवं राष्ट्र के लिए योगदान देने के उनके दृढ़ संकल्प का प्रमाण है।

पिछले चार वर्षों में, इनो-योद्धा ने महत्वपूर्ण नवाचारों को बढ़ावा दिया है, जिसके परिणामस्वरूप 26 आईपीआर दाखिल किए गए और 21 नवाचार सफलतापूर्वक पूरे हुए हैं। इसके अतिरिक्त, इनमें से तीन नवाचारों के लिए प्रौद्योगिकी निजी उद्योग को हस्तांतरित कर दी गई है। इनमें से दो, एफसी टेक द्वारा एक्सप्लोडर और रेड काइट डिजिटल टेक द्वारा अग्निअस्त्र, पहले ही शुरू किए जा चुके हैं, एक्सप्लोडर को जून, 2024 में प्रारंभ किया जाएगा और अग्निअस्त्र का अनावरण हाल ही में 12 अक्टूबर, 2024 को सेना कमांडरों के सम्मेलन के दौरान सेना प्रमुख (सीओएएस) द्वारा किया गया। तीसरा नवाचार, विद्युत रक्षक, आईएस ट्रेडिंग कंपनी को हस्तांतरित कर दिया गया है।

LEAVE A RESPONSE

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *