भारतीय विदेश व्यापार संस्थान ने NIRF रैंकिंग में 12 रैंक का सुधार किया; 2023 में 27वें स्थान से आगे बढ़कर 2024 में 15वें स्थान पर पहुंच गया
भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) ने शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एनआईआरएफ (नेशनल इंस्टीच्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) रैंकिंग में 12 स्थानों की लंबी छलांग लगाई है और वह 2023 में 27वें स्थान से आगे बढ़कर इस वर्ष 15वें स्थान पर पहुंच गया है। वर्ष 2016 में एनआईआरएफ रैंकिंग की शुरुआत के बाद से इस संस्थान की रैंकिंग में यह एक रिकॉर्ड सुधार है।
इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर आईआईएफटी को बधाई देते हुए, केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने विश्वास व्यक्त किया कि यह संस्थान जल्द ही एक ऐसे विश्वस्तरीय संस्थान में बदल जाएगा, जो व्यापार और निवेश के क्षेत्र में भारत के प्रभावशाली विकास में व्यापक योगदान देगा। वर्ष 2023 में 27वीं रैंक से इस वर्ष 15वीं रैंक तक पहुंचने के क्रम में, भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) दिल्ली ने उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा, वैश्विक व्यापार में भारत के बढ़ते प्रभाव के साथ यह उपलब्धि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भावी नेताओं को तैयार करने में आईआईएफटी की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है।
वाणिज्य विभाग के सचिव और आईआईएफटी के चांसलर सुनील बर्थवाल ने भी इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर बधाई दी और द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय व्यापार जुड़ाव, निर्यात प्रोत्साहन तथा संस्थागत विकास सहित अंतरराष्ट्रीय व्यापार से जुड़े समसामयिक मुद्दों पर अत्याधुनिक अनुसंधान करने में वाणिज्य विभाग की ओर से पूर्ण समर्थन व्यक्त किया।
हाल के महीनों में, संस्थान के विभिन्न उपायों को मान्यता मिली है। संस्थान ने अपने शिक्षण, सीखने एवं संसाधनों, अनुसंधान एवं पेशेवर कार्यप्रणालियों, स्नातक के परिणामों, संपर्क एवं समावेशिता और धारणा को बेहतर बनाने हेतु कई समग्र पहल की हैं।
आईआईएफटी अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं व्यवसाय पर विशेष ध्यान देते हुए वैश्विक ख्याति के विश्वस्तरीय बी-स्कूल के रूप में तेजी से बदलने की राह पर है, जिससे यह एक ऐसा अनूठा संस्थान बन गया है जो पीएचडी, एमबीए (इंटरनेशनल बिजनेस), एमबीए (बिजनेस एनालिटिक्स) और अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं वित्त में विशेषज्ञता के साथ अर्थशास्त्र में एमए जैसे अत्यधिक मांग वाले शैक्षिक कार्यक्रम संचालित करता है।
नई पहल के एक भाग के रूप में, यह संस्थान अंतरराष्ट्रीय वार्ता पर कॉरपोरेट और नीति निर्माताओं को प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु एक अत्याधुनिक सेंटर फॉर इंटरनेशनल नेगोशिएशन (सीआईएन) स्थापित करने की प्रक्रिया में है। इसके अलावा, आईआईएफटी निर्यातकों, सरकारों और व्यवसाय जगत के साथ मिलकर काम करने और हार्वर्ड के अनुरूप विश्वस्तरीय केस स्टडीज विकसित करने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर भारतीय अनुभवों को बाकी दुनिया के साथ साझा करने हेतु फॉरेन ट्रेड केस स्टडी सेंटर (एफटीसीएससी) भी स्थापित कर रहा है।
इस संस्थान की योजना सरकारों, केन्द्र और राज्यों के साथ मिलकर काम करने और उच्च-स्तरीय क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के अलावा समसामयिक महत्व के मुद्दों पर गहन शोध करने की है। एपीडा जैसे विभिन्न निर्यात प्रोत्साहन संगठनों ने समकालीन अनुसंधान संबंधी रुचि के क्षेत्र में पीएचडी छात्रों को प्रायोजित करने में गहरी रुचि दिखाई है।
आईआईएफटी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के सक्रिय सहयोग से दुबई में अपना एक परिसर शुरू करने पर भी विचार कर रहा है।