भारतीय नौसेना का जहाज इम्फाल 10 मार्च, 2025 को मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुईस में बंदरगाह पर पहली बार पहुंचेगा। यह पोत 12 मार्च, 2025 को 57वें मॉरीशस राष्ट्रीय दिवस समारोह में भाग लेगा। आईएनएस इम्फाल की यह यात्रा मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भाग लेने वाले भारतीय युद्धपोतों एवं विमानों की परंपरा के अनुरूप है। जहाज चैंप्स डे मार्स में राष्ट्रीय दिवस परेड में फ्लाईपास्ट के लिए एक मार्चिंग टुकड़ी, नौसेना बैंड और हेलीकॉप्टर को तैनात करेगा। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस समारोह में मुख्य अतिथि हैं।
पोर्ट लुईस में 10 से 14 मार्च तक अपने प्रवास के दौरान, इम्फाल द्वारा कई प्रशिक्षण एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों में भाग लेने की योजना बनाई गई है, जिसमें क्रॉस-ट्रेनिंग दौरे, मैत्रीपूर्ण खेल कार्यक्रम और सामुदायिक आउटरीच गतिविधियां शामिल हैं। इस सहभागिता का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और समुद्री सुरक्षा सहयोग को विस्तार देना है। एमसीजीएस जहाजों के साथ संयुक्त विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) निगरानी और अभ्यास की भी योजना है।
दोनों देशों के बीच नियोजित बातचीत भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति और सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास) के दृष्टिकोण से दृढ़ता से जुड़ी हुई है – जिसे माननीय प्रधानमंत्री ने ठीक एक दशक पहले मॉरीशस में एमसीजीएस बाराकुडा के जलावतरण के अवसर पर 12 मार्च, 2015 को मॉरीशस राष्ट्रीय तट रक्षक में शामिल होने वाले पहले भारतीय निर्मित युद्धपोत के रूप में प्रस्तुत किया था। मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में नवीनतम भारतीय युद्धपोत और विमान की तैनाती, द्वीप देशों, विशेष रूप से मॉरीशस के साथ साझेदारी में एक सुरक्षित व स्थिर हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) को बढ़ावा देने के लिए भारत की गहरी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। मॉरीशस के साथ भारत के मजबूत ऐतिहासिक, राजनीतिक एवं आर्थिक तथा सुरक्षा और सामाजिक-सांस्कृतिक संबंध रहे हैं।
इम्फाल को दिसंबर 2023 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था और यह परियोजना 15बी (विशाखापत्तनम श्रेणी) के चार स्वदेशी विध्वंसक जहाजों में से तीसरा पोत है।वर्तमान में अत्याधुनिक हथियारों, सेंसरों और मशीनरी से सुसज्जित, यह दुनिया के सबसे बड़े व तकनीकी रूप से सबसे उन्नत युद्धपोतों में से एक है।