ईरान ने इस्राइल के हमलों की जवाबी कार्रवाई में सैकड़ों मिसाइलें और ड्रोन दागे हैं जिसे ऑपरेशन सीवियर पनिशमेंट नाम दिया गया है। तेल अवीव और यरुशलम में बड़े पैमाने पर हुई बमबारी के कारण इस्राइल में हवाई हमले के सायरन बजा दिए गए जिससे लाखों लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी।
इससे कुछ घंटे पहले ही इस्राइल के हमले में ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया और शीर्ष सैन्य कमांडरों को मार दिया गया। इस्राइली अधिकारियों ने ईरान के हमले की पुष्टि की है। बेन गुरियन हवाई अड्डे को तुरंत बंद कर दिया गया और अधिकतम अलर्ट पर रखने के लिए हजारों इस्राइली सैनिकों को तैनात किया गया। ऐसा पहली बार हुआ है जब ईरान की मिसाइलों ने रिहायशी क्षेत्रों में इस्राइल की हवाई सुरक्षा को नाकाम कर दिया।
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया कि यह मिसाइल हमला विशेष रूप से इस्राइल द्वारा नातान्ज़ परमाणु ठिकाने को नष्ट करने और ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडरों की हत्या के जवाब में किया गया है। इस्राइल के रक्षा मंत्री इस्राइल कैट्ज ने आरोप लगाया है कि ईरान ने जानबूझकर रिहायशी क्षेत्रों को निशाना बनाया है। उन्होंने कहा कि इस्राइल इसका करारा जवाब देगा।
दोनों देशों के बीच भीषण हमलों से व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की आशंकाएं बढ़ गई है। अमरीकी प्रशासन लंबे समय से इस तरह के हमले को रोकने के प्रयास कर रहा है, क्योंकि उसे डर है कि इससे पश्चिम एशिया में व्यापक युद्ध छिड़ जाएगा और ईरान के मजबूत परमाणु ढांचे के खिलाफ़ यह बेअसर साबित हो सकता है। ईरान ने अपने यूरेनियम संवर्धन स्तर को लगातार बढ़ा कर काफी मात्रा में परमाणु हथियार जमा कर लिए हैं।