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Israeli PM Benjamin Netanyahu announced sending a team to Qatar to negotiate a ceasefire agreement in Gaza
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इस्राइल ने कहा-गाजा शहर पर कब्जे और नियंत्रण के लिए सैन्य कार्यवाई का पहला कदम उठाया गया

इस्राइल ने गाज़ा शहर पर कब्ज़ा करने और उसे अपने नियंत्रण में लेने के लिए योजनाबद्ध सैन्य कार्रवाई का पहला कदम उठाया है। सेना पहले से ही बाहरी इलाकों ज़ितून और जबालिया में बड़े हमले की तैयारी में लगी है। इस्राइल के रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने कल इस योजना को मंज़ूरी दी। इस सप्ताह के अंत में इस्राइल की सुरक्षा कैबिनेट में इस योजना की समीक्षा जाएगी। इस्राइली रक्षा बल -आई डी एफ के बयान में कहा गया है कि इस अभियान के लिए साठ हज़ार रिज़र्व सैनिकों को बुलाया जा रहा है।

इस्राइल का लक्ष्य हमास के सैन्य ढांचे को गाज़ा की आबादी से अलग करके कमज़ोर और नष्ट करना है। हालांकि कई देशों ने इस हमले की आलोचना की है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने चेतावनी दी है कि इससे आपदा और क्षेत्रीय अस्थिरता पैदा हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति ने भी गाज़ा की स्थिति पर चिंता प्रकट की है। उसने चेतावनी दी है कि लड़ाई बढने से स्थिति और खराब होगी तथा शेष 50 बंधकों की रिहाई में बाधा आयेगी। समिति ने तत्काल युद्धविराम करने और मानवीय सहायता बेहतर बनाने का अनुरोध किया है। इस बीच कतर और मिस्र ने साठ दिनों के युद्ध-विराम और लगभग आधे बंधकों की रिहाई से संबंधित नए युद्ध-विराम समझौते का प्रस्ताव रखा है। हमास इस योजना से सहमत है लेकिन इस्राइल ने अभी तक औपचारिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इस्राइल सभी बंधकों की रिहाई का पूर्ण समझौता चाहता है।

सरकार ने कहा है कि लिपुलेख दर्रे के माध्यम से चीन के साथ सीमा व्यापार के बारे में भारत का रुख सुसंगत और स्पष्ट रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने इस संबंध में नेपाल के विदेश मंत्रालय की टिप्पणियों पर ध्यान दिया है। क्षेत्रीय दावों के संबंध में भारत का रुख यह है कि ऐसे दावे न तो उचित हैं और न ही ऐतिहासिक तथ्यों और साक्ष्यों पर आधारित हैं।

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