भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के लिए एक प्रशिक्षण जहाज (यार्ड 16101) का निर्माण कार्य (कील-बिछाना) समारोह 13 जनवरी, 2025 को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल), मुंबई में आयोजित किया गया। 7,500 समुद्री मील की सीमा के साथ, इस जहाज को समुद्र में उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण अनुभव को सुनिश्चित करने के लिए कैडेटों के लिए एक प्रशिक्षण पुल, एक चार्ट हाउस और विशिष्ट कक्षाओं जैसी विशेष सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। तट पर अपने बुनियादी प्रशिक्षण के बाद महिला अधिकारियों सहित 70 अंडर-ट्रेनी अधिकारियों के प्रशिक्षण में भी यह जहाज महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस जहाज की लंबाई 107 मीटर निर्धारित की गई है और अधिकतम 20 नॉट की गति प्राप्त करने में सक्षम होगा। इसमें अत्याधुनिक मशीनरी और उन्नत तकनीकी प्रणालियां भी होंगी, जिनमें एआई-आधारित पूर्वानुमानित रखरखाव प्रणाली, एक बहुउद्देशीय ड्रोन, एकीकृत ब्रिज सिस्टम और एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन प्रणाली शामिल हैं। इस समारोह की अध्यक्षता उप महानिदेशक (सामग्री और रखरखाव) महानिरीक्षक एचके शर्मा ने की, जिसमें एमडीएल के निदेशक (जहाज निर्माण) और आईसीजी और एमडीएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
इस जहाज के निर्माण संबंधी अनुबंध को अक्टूबर 2023 में अंतिम रूप दिया गया था। जहाज को सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप, खरीद (भारतीय-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत एमडीएल द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जा रहा है। यह परियोजना रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है और देश की रणनीतिक स्वायत्तता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी। यह पहल आईसीजी की अपनी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने और अपने अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के जारी प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो भारत के समुद्री हितों की रक्षा में उनकी भूमिका को और मजबूत करता है।
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