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Labour welfare schemes to aid over 50 lakh unorganised workers across India
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श्रम कल्याण योजनाओं से भारत भर में 50 लाख से अधिक असंगठित श्रमिकों को सहायता मिलेगी

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, श्रम कल्याण महानिदेशालय (DGLW) के माध्यम से भारत में असंगठित श्रमिकों, विशेष रूप से बीड़ी, फिल्म क्षेत्रों और खनन श्रमिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए समर्पित कई कल्याणकारी योजनाओं को लागू करना जारी रखता है। उल्लेखनीय है कि 50 लाख से अधिक श्रमिकों और उनके परिवारों पर सीधे प्रभाव डालने वाली ये योजनाएं सरकार की समावेशी और करुणा से प्रेरित श्रम कल्याण रणनीति की आधारशिला हैं।

डीजीएलडब्ल्यू के तहत कार्यरत श्रम कल्याण संगठन (एलडब्ल्यूओ) 18 कल्याण आयुक्तों के एक सुव्यवस्थित नेटवर्क के माध्यम से पूरे देश में इन योजनाओं का संचालन करता है, जो क्षेत्रीय स्तर पर कार्यान्वयन की देखरेख करते हैं। इसका मुख्य लक्ष्य अक्सर दूरदराज और हाशिए के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता और आवास सहायता प्रदान करना है।

कल्याणकारी ढांचे के प्रमुख घटकों में से एक शिक्षा सहायता योजना है, जो बीड़ी, फिल्म क्षेत्रों और गैर-कोयला खदान श्रमिकों के बच्चों के लिए 1,000 रुपये से 25,000 रुपये तक की वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान करती है। राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) के माध्यम से कार्यान्वित की जाने वाली इस योजना में हर साल एक लाख से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं, जिसमें प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) पारदर्शी और समय पर उसका वितरण सुनिश्चित करता है।

स्वास्थ्य योजना के तहत स्वास्थ्य सेवा सहायता में डिस्पेंसरियों के राष्ट्रीय नेटवर्क के माध्यम से बाह्य रोगी सेवाएं, साथ ही हृदय रोग, किडनी प्रत्यारोपण, कैंसर, टीबी और छोटी सर्जरी जैसी गंभीर बीमारियों के लिए विशेष उपचार के खर्च शामिल हैं। बतौर आर्थिक सहायता छोटी सर्जरी के लिए 30,000 रुपये से लेकर कैंसर के इलाज के लिए 7.5 लाख रुपये तक दिए जाते है, जिससे कम आय वाले श्रमिकों के लिए जीवन रक्षक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच सुनिश्चित होती है।

यद्यपि 2016 में शुरू की गई संशोधित एकीकृत आवास योजना (आरआईएचएस) को समाप्त कर अब इसे प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के साथ मिला दिया गया है। फिर भी मंत्रालय सभी के लिए आवास सम्मान के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का सम्मान करते हुए 31 मार्च 2024 तक लाभार्थियों को लंबित किश्तों का वितरण जारी रखे हुए है।

ये लक्षित योजनाएं न केवल असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के जीवन की गुणवत्ता और सामाजिक सुरक्षा में सुधार लाती हैं, बल्कि सरकार के सबका साथ, सबका विकास के दृष्टिकोण को भी साकार करती हैं।

मंत्रालय कल्याण-संचालित शासन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है तथा आगामी वर्षों में इसे और अधिक सुलभ, प्रौद्योगिकी-सक्षम तथा परिणाम-केंद्रित बनाने के लिए ढांचे को मजबूत करना जारी रखेगा।

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