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Lok Sabha Speaker urged the youth to dedicate themselves to the goal of self-reliant India
भारत

लोक सभा अध्यक्ष ने युवाओं से आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के प्रति समर्पित होने का आग्रह किया

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज युवाओं से रोजगार के अवसर पैदा करके आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के प्रति स्वयं को समर्पित करने का आग्रह किया। इस बात पर जोर देते हुए कि नए भारत में विभिन्न क्षेत्रों में अपार अवसरों के साथ अनेक संभावनाएं हैं, उन्होंने युवाओं से 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को प्राप्त करने के लिए अनुसंधान और नवाचार में अग्रणी बनने का आह्वान किया।

ओम बिरला ने ये विचार भारती विद्यापीठ, पुणे के 26वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि भारतीय युवा पहले से ही अपने ज्ञान, क्षमताओं और बुद्धिमत्ता के साथ दुनिया का नेतृत्व कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह उल्लेख किया कि भारतीय युवाओं ने विकसित देशों की समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

ओम बिरला ने कहा कि नया भारत नए अवसरों के साथ समृद्धि के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं को अपने भविष्य के लिए विकसित देशों की ओर देखने के बजाय अपनी प्रतिभा और ऊर्जा को 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने पर केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय युवाओं में वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने की योग्यता है तथा ज्ञान, बुद्धि और क्षमताओं से संचालित भारत वैश्विक चुनौतियों के नए समाधान प्रदान करने में दुनिया का नेतृत्व करेगा। उन्होंने युवाओं से बड़े सपने देखने, कड़ी मेहनत करने और देश की समृद्धि में सक्रिय भागीदार बनने का आह्वान किया। ओम बिरला ने कहा कि शिक्षा तभी सफल मानी जाएगी जब इसका लाभ समाज के गरीब, उपेक्षित और अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को मिलेगा।

पिछले 75 वर्षों के दौरान भारत की यात्रा का उल्लेख करते हुए ओम बिरला ने कहा कि लोकतंत्र के रूप में भारत की सफल यात्रा दुनिया के लिए प्रेरक है और आज दुनिया के अन्य देश लोकतांत्रिक भावना को बढ़ावा देने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।

महाराष्ट्र के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख करते हुए ओम बिरला ने कहा कि महाराष्ट्र संघर्षों तथा सामाजिक एवं आध्यात्मिक क्रांति की भूमि है। उन्होंने वीर शिवाजी, ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले का उल्लेख करते हुए कहा कि इन विभूतियों की भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका रही है तथा वे आने वाले वर्षों में भी हमारे लिए प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।

दीक्षांत समारोह के अवसर पर ओम बिरला ने भारती विद्यापीठ के सफल विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र एवं पुरस्कार प्रदान किए।

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