वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में 53वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में घोषणा की कि भारतीय रेलवे द्वारा यात्रियों को उपलब्ध कराई जा रही प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री, रिटायरिंग रूम, प्रतीक्षा कक्ष और बैटरी चालित कार सेवाओं जैसी सुविधाओं को जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया गया है।
जीएसटी परिषद ने स्टील, लोहा और एल्यूमीनियम निर्मित दूध के डिब्बों पर एक समान 12 प्रतिशत जीएसटी की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि सभी गत्तों के डिब्बों और नालीदार तथा गैर-नालीदार कागज या पेपर बोर्ड से बने डिब्बों पर जीएसटी दर घटाकर 12 प्रतिशत करने से हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के सेब उत्पादकों को लाभ होगा।
निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि अखिल भारतीय स्तर पर बायोमेट्रिक-आधारित आधार प्रमाणीकरण शुरू होने जा रहा है। इससे सरकार को फर्जी चालान के जरिए किए गए फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट दावों से निपटने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि छोटे करदाताओं की सहायता के लिए परिषद ने जीएसटीआर-4 फॉर्म में विवरण और रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 30 अप्रैल से बढ़ाकर 30 जून करने की सिफारिश की है।
निर्मला सीतारमण ने बताया कि जीएसटी परिषद ने जीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत जारी किए गए ऐसे डिमांड नोटिसों के लिए ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश की है, जिनमें फर्जी बिल, जानकारी छिपाना या गलत विवरण शामिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए धारा 73 के तहत जारी किए गए सभी नोटिसों के लिए परिषद ने डिमांड नोटिस पर ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश की है।
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकारी मुकदमे कम करने के उद्देश्य से परिषद ने विभाग द्वारा अपील दायर करने के लिए जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के लिए 20 लाख रुपये, उच्च न्यायालय के लिए एक करोड़ रुपये और उच्चतम न्यायालय के लिए दो करोड़ रुपये की सीमा की सिफारिश की है। परिषद ने अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपील दायर करने के लिए सीजीएसटी और एसजीएसटी के लिए पूर्व-जमा की अधिकतम राशि 25 करोड रुपये से घटाकर 20 करोड़ रुपये करने की भी सिफारिश की है।