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MEA, Ministry of Electronics & Information Technology and CSC e-Governance Services India Limited signed an MoU to provide e-Migrate services through CSC
बिज़नेस भारत

विदेश मंत्रालय, MeitY और CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड ने कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से ई-माइग्रेट सेवाएं प्रदान करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

विदेश मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं, ताकि देश में सीएससी के माध्यम से ई-माइग्रेट सेवाएं प्रदान करने के लिए सीएससी एसपीवी और विदेश मंत्रालय के बीच तालमेल बनाया जा सके।

ई-माइग्रेट परियोजना मुख्य रूप से उत्प्रवास जांच अपेक्षित देशों में जाने वाले श्रमिकों की सहायता के लिए शुरू की गई है। इस परियोजना की अवधारणा उत्प्रवास प्रक्रिया को ऑनलाइन सहज बनाकर प्रवासी श्रमिकों के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करने और सुरक्षित व कानूनी प्रवास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विदेशी नियोक्ताओं और पंजीकृत भर्ती एजेंटों एवं बीमा कंपनियों को एक साझा मंच पर लाने के लिए की गई थी।

पिछले वर्षों में, रोजगार के लिए विदेश जाने वाले भारतीयों की संख्या में वृद्धि हुई है, साथ ही उनके द्वारा भेजे गए धन का योगदान भी महत्वपूर्ण रहा है।

इस समझौता ज्ञापन पर “डिजिटल गवर्नेंस के लिए यूआई/यूएक्स के माध्यम से बदलाव पर जोर देना” विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला के सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर प्रतिष्ठित व्यक्तियों संयुक्त सचिव एवं वित्तीय सलाहकार राजेश सिंह, नैसकॉम अध्यक्ष देबजानी घोष, यूआईडीएआई के सीईओ और एनआईसी के महानिदेशक अमित अग्रवाल और अन्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इस समझौता ज्ञापन पर संयुक्त सचिव (ओई एवं पीजीई) प्रभाग, विदेश मंत्रालय, ब्रम्हा कुमार, संयुक्त सचिव (डिजीगव), एमईआईटीवाई, संकेत भोंडवे और अक्षय झा, सीओओ, सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड ने हस्ताक्षर किए।

इस समझौता ज्ञापन के तहत, विदेश मंत्रालय के ई-माइग्रेट पोर्टल को सीएससी के पोर्टल के साथ एकीकृत किया जाएगा, ताकि सीएससी के माध्यम से नागरिकों को निम्नलिखित ई-माइग्रेट सेवाएं प्रदान की जा सकें:

  • सीएससी (सामान्य सेवा केंद्र) के माध्यम से ई-माइग्रेट पोर्टल पर आवेदकों के पंजीकरण की सुविधा प्रदान करना।
  • सीएससी के माध्यम से ई-माइग्रेट पोर्टल पर आवेदकों के लिए आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करने और संसाधित करने की सुविधा।
  • सीएससी के माध्यम से ई-माइग्रेट पोर्टल पर पंजीकृत प्रवासी श्रमिकों या आवेदकों द्वारा आवश्यक चिकित्सा और अन्य सेवाओं के लिए बुकिंग की सुविधा और सहायता प्रदान करना।
  • देश भर के नागरिकों के बीच ई-माइग्रेट सेवाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना।

सीएससी एसपीवी के बारे में:

सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) डिजिटल इंडिया मिशन का एक अभिन्न अंग हैं। सीएससी नागरिकों को डिजिटल सेवाओं की डिलीवरी के लिए फ्रंटेड सेवा वितरण केंद्र हैं, खासकर देश भर के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में। यह डिजिटल इंडिया के विजन तथा डिजिटल एवं वित्तीय रूप से समावेशी समाज के लिए सरकार के दायित्व को पूरा करने में योगदान देने में मदद करता है। वर्तमान में, 5.50 लाख से अधिक सीएससी नागरिकों को बढ़ी हुई आसानी और सुविधा के साथ सहायता मोड में 700 से अधिक डिजिटल सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। आवश्यक सरकारी और सार्वजनिक उपयोगिता सेवाएं प्रदान करने के अतिरिक्त, सीएससी कई सामाजिक कल्याण योजनाएं, वित्तीय सेवाएं, शैक्षिक पाठ्यक्रम, कौशल विकास पाठ्यक्रम, स्वास्थ्य सेवा, कृषि सेवाएं, डिजिटल साक्षरता आदि भी प्रदान करते हैं।

इस समझौता ज्ञापन पर जमीनी स्तर पर सुरक्षित और कानूनी प्रवास के माध्यमों का विस्तार करने के उद्देश्य से हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसका विशेष उद्देश्य विदेशों में रोजगार की तलाश करने वाले नागरिकों को अपने देश के बेइमान लोगों के शोषण से बचाना है।

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