प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित मार्गदर्शक सिद्धांतों “देश के साथ समग्रता और सहयोगपूर्ण रूप से काम करने के दृष्टिकोण” के अनुरूप कोयला मंत्रालय- रेल मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय और अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय कायम करते हुए विद्युत और उर्वरक क्षेत्रों के लिए अधिसूचित कीमतों पर कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह पहल गैर-विनियमित क्षेत्रों तक भी फैली हुई है, जिनमें देश की आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण इस्पात, सीमेंट, कागज और स्पंज आयरन क्षेत्र शामिल हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मंत्रालय ने 1,080 मीट्रिक टन कोयला उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। 19.07.24 तक कोयला उत्पादन 294.20 मीट्रिक टन तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में उत्पादित 265.77 मीट्रिक टन की तुलना में 10.70 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर को दर्शाता है। यह सकारात्मक प्रवृत्ति सतत आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए विभिन्न क्षेत्रों की ऊर्जा संबंधी मांगों को पूरा करने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
कोयला प्रेषण के संदर्भ में, 19.07.24 तक, मंत्रालय ने 311.48 मीट्रिक टन कोयला सफलतापूर्वक प्रेषित किया है, जो पिछले वर्ष के 287.12 मीट्रिक टन तुलना में 8.49 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है । प्रेषण में यह वृद्धि न केवल प्रमुख उद्योगों की परिचालन संबंधी आवश्यकताओं में सहायता करती है, बल्कि ऊर्जा बाजार की समग्र स्थिरता में भी योगदान देती है। कोयला मंत्रालय अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों के लिए कोयले को किफायती और सुलभ संसाधन बनाए रखना सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है, जिससे प्रगति और विकास के लिए राष्ट्र की प्रतिबद्धता को बल मिल सके ।
मंत्रालय का लक्ष्य स्थिर और विश्वसनीय आपूर्ति बनाए रखते हुए देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना और प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों को सहायता प्रदान करना है। इन महत्वपूर्ण कदमों के माध्यम से, कोयला मंत्रालय निर्भर उद्योगों के लिए कोयले की पर्याप्त और किफायती आपूर्ति उपलब्ध कराना सुनिश्चित करते हुए भारत की आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाने को तैयार है।