प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (आईबीसीए) की स्थापना पर ढांचागत समझौते पर हस्ताक्षर और अनुसमर्थन कर इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (आईबीसीए) का सदस्य देश बनने के भारत के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।
9 अप्रैल, 2023 को भारत के प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य बिग कैट और उनके पनपने वाले परिदृश्यों के भविष्य को सुरक्षित करना है। सात बिग कैट्स में बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता शामिल हैं। इनमें से भारत में पाँच बिग कैट्स में बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ और चीता पाए जाते हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29.02.2024 को आयोजित अपनी बैठक में वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए 150 करोड़ रुपये के एकमुश्त बजटीय समर्थन के साथ भारत में मुख्यालय के साथ अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस की स्थापना को स्वीकृति दी थी।
हस्ताक्षरित ढांचागत समझौते की प्रति महानिरीक्षक (आईजी) वन, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा आज इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) के अंतरिम प्रमुख को सौंपी गई।
इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस का लक्ष्य 95 बिग कैट्स श्रेणी के देशों, बिग कैट्स संरक्षण में रुचि रखने वाले गैर-श्रेणी देशों, संरक्षण भागीदारों और व्यावसायिक समूहों के अलावा बिग कैट्स संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले वैज्ञानिक संगठनों का बहु-देशीय, बहु-एजेंसी गठबंधन बनना है। कॉरपोरेट्स बिग कैट्स के हित में योगदान देने, नेटवर्क स्थापित करने और केंद्रित माध्यम से तालमेल विकसित करने के इच्छुक हैं ताकि वित्तीय सहायता द्वारा समर्थित सफल प्रथाओं और कर्मियों का एक केंद्रीकृत भंडार एक आम मंच पर लाया जा सकेगा जिसका लाभ बिग कैट्स की आबादी में गिरावट को रोकने और प्रवृत्ति को उलटने के लिए क्षेत्र में संरक्षण को मजबूत करने के लिए किया जा सकता है।
इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) स्वर्ण मानक बिग कैट्स संरक्षण प्रथाओं के बढ़ते प्रसार के लिए एक सहयोगी मंच के माध्यम से तालमेल की परिकल्पना करता है, तकनीकी जानकारी और धन के कोष के केंद्रीय सामान्य भंडार तक पहुंच प्रदान करता है, मौजूदा प्रजाति-विशिष्ट अंतर सरकारी प्लेटफार्मों, नेटवर्क सुरक्षा और संरक्षण पर अंतरराष्ट्रीय पहल को मजबूत करता है तथा हमारे पारिस्थितिक भविष्य को सुरक्षित करने और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में सहायता करता है।
संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) के सदस्य बनने के पात्र हैं। चौबीस (24) देशों (भारत सहित) ने इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) का सदस्य बनने के लिए सहमति दे दी है। नौ अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने भी इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) संगठन का भागीदार बनने पर सहमति व्यक्त की है। ढांचागत समझौते को हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है और भारत इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) का सदस्य बन गया है। अब तक 4 देश भारत, निकारागुआ, इस्वातिनी और सोमालिया सहितइंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) के सदस्य बन चुके हैं।
रूपरेखा समझौते का उद्देश्य दुनिया में सात बिग कैट्स की सुरक्षा और संरक्षण के लिए आम चुनौतियों का सामूहिक रूप से समाधान करने के लिए इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) की स्थापना करना है। इस समझौते के पक्षकारों को इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) के अंतर्गत सामूहिक कार्रवाई के लाभों की तलाश में सात बिग कैट्स की सुरक्षा और संरक्षण के लिए समन्वित कार्रवाई के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित किया जाएगा।
गठबंधन प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग पर ध्यान केंद्रित करता है और जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों को कम करता है। बड़ी बिल्लियों और उनके आवासों की सुरक्षा करके, इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) प्राकृतिक जलवायु अनुकूलन, जल और खाद्य सुरक्षा और इन इकोसिस्टम पर निर्भर हजारों समुदायों की भलाई में योगदान देता है। इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) आपसी लाभ के लिए देशों के बीच सहयोग स्थापित करेगा और दीर्घकालिक संरक्षण एजेंडे को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
भारत का इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस का संस्थापक सदस्य बनना एक महान क्षण है जो बिग कैट्स के संरक्षण और भरण-पोषण में देश के नेतृत्व को प्रदर्शित करता है। यह निश्चित रूप से दुनिया भर में बिग कैट्स संरक्षण के क्षेत्रों में पारस्परिक लाभ और समझ में सहायता करेगा।
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