भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) ने एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी भंडारण के लिए उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत सफल बोलीदाता के चयन की घोषणा की है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को क्यूसीबीएस प्रणाली पर आधारित उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 10 गीगावाट एसीसी क्षमता प्रदान की गई है। यह पहल घरेलू विनिर्माण क्षमता को बढ़ाने, आयात निर्भरता को कम करने सहित भारत को एसीसी बैटरी विनिर्माण में वैश्विक नेता के तौर पर स्थापित करने की दिशा में एक और कदम है।
भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) को 3,620 करोड़ रुपये के अधिकतम बजटीय परिव्यय के साथ 10 गीगावाट घंटे एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) विनिर्माण के लिए उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) की बोली लगाने के लिए वैश्विक निविदा के तहत सात बोलीदाताओं से बोलियां प्राप्त हुई थीं। इस संबंध में 24 जनवरी, 2024 को घोषणा की गई थी।
इस निविदा के जवाब में बोलियां प्रस्तुत करने वाले बोलीदाताओं की सूची (वर्णमाला क्रम में) इस प्रकार थी- एसीएमई क्लीनटेक सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड, अमारा राजा एडवांस्ड सेल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, अन्वी पावर इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी लिमिटेड, लुकास टीवीएस लिमिटेड, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और वारी एनर्जीज लिमिटेड। ये बोलियां कुल 70 गीगावाट क्षमता के लिए प्राप्त हुईं।
इन सभी सात बोलियों का मूल्यांकन किया गया और छह कंपनियों को आरएफपी के तहत जरूरतों के अनुरूप वित्तीय मूल्यांकन के लिए चुना गया। इसके अनुसार तकनीकी मूल्यांकन के परिणामों की घोषणा के बाद भारत सरकार के सीपीपी पोर्टल के माध्यम से आरएफपी की पारदर्शी वैश्विक निविदा प्रक्रिया के तहत योग्य बोलीदाताओं के लिए वित्तीय बोलियां 2 अगस्त, 2024 को खोली गईं।
चयनित बोलीदाताओं का अंतिम मूल्यांकन गुणवत्ता और लागत आधारित चयन (क्यूसीबीएस) प्रणाली के अनुसार किया गया। साथ ही, बोलीदाताओं को उनके संयुक्त तकनीकी और वित्तीय अंकों के आधार पर रैंकिंग दी गई। मंत्रालय ने 10 गीगावाट पीएलआई एसीसी क्षमता की निविदा उच्चतम समग्र स्कोर वाले शॉर्टलिस्टेड बोलीदाता यानी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को प्रदान किया है। इसके अलावा बाकी पांच शॉर्टलिस्टेड बोलीदाताओं को उनके रैंक के अनुसार प्रतीक्षा सूची में शामिल किया गया है, जो रैंक II से शुरू होगा। इस कार्यक्रम के तहत प्रतीक्षा सूची में शामिल बोलीदाता हैं- एसीएमई क्लीनटेक सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड (प्रतीक्षा सूची 1), अमारा राजा एडवांस्ड सेल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (प्रतीक्षा सूची 2), वारी एनर्जीज लिमिटेड (प्रतीक्षा सूची 3), जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी लिमिटेड (प्रतीक्षा सूची 4) और लुकास टीवीएस लिमिटेड (प्रतीक्षा सूची 5)।
इससे पहले मई, 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 18,100 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एसीसी की 50 गीगावाट घंटे (जीडब्ल्यूएच) की विनिर्माण क्षमता प्राप्त करने के लिए ‘एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी भंडारण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम’ पर प्रौद्योगिकी ऐग्नास्टिक पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। एसीसी पीएलआई बोली का पहला दौर मार्च, 2022 में समाप्त हुआ था। इसके तहत तीन लाभार्थी कंपनियों को कुल 30 गीगावाट घंटे (जीडब्ल्यूएच) की क्षमता आवंटित की गई और इन चयनित लाभार्थी कंपनियों के साथ कार्यक्रम समझौते पर जुलाई, 2022 में हस्ताक्षर किए गए थे।
भारत में एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल के विनिर्माण के लिए प्राप्त बोलियों के संदर्भ में पीएलआई एसीसी योजना की एक बड़ी सफलता रही है। इसको प्राप्त शानदार प्रतिक्रिया से पता चलता है कि उद्योग ने विश्वस्तरीय विनिर्माण गंतव्य के रूप में भारत की शानदार प्रगति में अपना विश्वास व्यक्त किया है। यह प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान के साथ दृढ़ता से प्रतिध्वनित होता है।