बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झडपों के परिणाम स्वरूप तीन सौ से अधिक भारतीय विद्यार्थी स्वदेश लौट आये
बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झडपों के परिणाम स्वरूप तीन सौ से अधिक भारतीय विद्यार्थी स्वदेश लौट आये हैं। इन झडपों में करीब एक सौ चार लोगों की मृत्यु हुई है और ढाई हजार से अधिक घायल हुए हैं। बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण फिर शुरू करने को लेकर कई हफ्तों से बडे पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मेघालय और जम्मू कश्मीर के विद्यार्थी कैब और सुरक्षा वाहनों में पूर्वोत्तर सीमा पार करके कल स्वदेश लौटे। इन विद्यार्थियों में ज्यादातर उत्तर प्रदेश के हैं। इंटरनेट सेवा लगभग पूरी तरह ठप्प होने और टेलीफोन सेवाओं पर अधिक असर पडने के कारण भारतीय विद्यार्थियों का अपने परिवारों से सम्पर्क नहीं हो पा रहा था और इसलिए वे अस्थायी तौर पर बंगलादेश से लौटने पर मजबूर हुए। विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने बताया है कि भारतीय नागरिकों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
बड़ा चिंताजनक विषय था। छात्रों की हमेशा जो बातें है, जो प्रोब्लम्स हो वो सुननी चाहिए। मुझे पूरा यकीन है, वहां के जो हमारे प्रधानमंत्री है बहुत ही अनुभवी प्रधानमंत्री है। लोगों का जनमत एक बार नहीं कई बार प्राप्त हो चुका है और ये लोग अपने इस आंतरिक मसले को बैठकर बहुत जल्दी हल हो जाएगा, उसमें इसमें पूरा विश्वास है इस बात का। उसमें कोई दो राय नहीं थी कि अगर हमारे भारतीय नागरिक के बच्चे हैं, उनको सुरक्षित यहां लाया जाएगा।
विद्यार्थियों, सरकार समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच झडपें पिछले महीने शुरू हुई थीं लेकिन यह तनाव पिछले सोमवार को बढ गया। मंगलवार को ढाका विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के साथ झडपों में छह लोगों की मृत्यु हो गई और सरकार को देश के सभी विश्वविद्यालयों को बंद करना पडा।
इस बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वर्तमान स्थिति को देखते हुए स्पेन और ब्राजील की विदेश यात्रा रद्द कर दी है।