गुजरात के सूरत स्थित पुलिस परेड ग्राउंड में 7,000 से अधिक योग उत्सुक लोगों ने एक साथ सामान्य योग प्रोटोकॉल का अभ्यास किया
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस- 2024 से पहले आयोजित एक भव्य उत्सव ‘योग महोत्सव’ के दौरान सूरत योग के आनंद से ओत-प्रोत रहा। सूरत के अठवालाइन्स के पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित इस कार्यक्रम में लोगों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। इस भव्य आयोजन के लिए सात हजार से अधिक उत्सुक प्रतिभागी एक साथ आए और 2 मई, 2024 को सुबह 7.00 बजे से सामान्य योग प्रोटोकॉल (सीवाईपी) के अभ्यास में शामिल हुए। इन प्रतिभागियों के शानदार उत्साह और सक्रिय जुड़ाव ने व्यक्तिगत व सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने में योग के बढ़ते महत्व को रेखांकित किया।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, आयुष मंत्रालय में उप महानिदेशक सत्यजीत पॉल, नई दिल्ली स्थित अंतर-विश्वविद्यालय त्वरक केंद्र व बेंगलुरू स्थित अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र- योग विज्ञान के निदेशक प्रोफेसर अविनाश चंद्र पाण्डेय और मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के निदेशक वैद्य डॉ. काशीनाथ समागंडी ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। उनकी उपस्थिति ने इस अवसर को काफी महत्वपूर्ण बनाया, जो योग को बढ़ावा देने और व्यक्तियों व समुदायों के लिए समान रूप से कल्याण के लिए साझा समर्पण को प्रदर्शित करता है। उनकी भागीदारी ने योग के अभ्यास के माध्यम से समग्र कल्याण को बढ़ावा देने की सामूहिक प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने अपने संबोधन में इस बात को रेखांकित किया कि सूरत ने देश के विकास में अपना अद्भुत योगदान दिया है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि सूरत को देश के सबसे स्वच्छ शहर का सम्मान मिला है।
वैद्य कोटेचा ने सूरत के शांत वातावरण के बीच ‘योग महोत्सव’ के लिए लोगों की उपस्थिति को लेकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने प्रतिभागियों की उनकी अनुशासित उपस्थिति के लिए सराहना की, जिसने कार्यक्रम की सफलता में अपना योगदान दिया। उन्होंने कहा कि योग ने अब विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचा है और आईडीवाई- 2023 के तहत पूरे विश्व में 23.5 करोड़ से अधिक लोगों ने योग किया। इस वर्ष यह भागीदारी निश्चित रूप से काफी बढ़ेगी। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि आईडीवाई- 2024 की 25वीं उलटी गिनती के अवसर पर बोधगया में एक विशाल कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि साल 2015 में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की गई थी, जब संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया था। यह दिवस शारीरिक व मानसिक कल्याण, दोनों के लिए योग का अभ्यास करने के कई लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और विभिन्न संस्कृतियों व समाजों में इसकी सार्वभौमिक अपील को बढ़ावा देने के लिए एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करता है। साल 2015 में शुरुआत के बाद से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को पूरे विश्व में विभिन्न कार्यक्रमों, संगष्ठियों, कार्यशालाओं और प्रदर्शनों के साथ मनाया जाता रहा है, जिसका उद्देश्य व्यक्तियों और समुदायों पर योग के गहरे प्रभाव को रेखांकित करना है।
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान ने हजारों कुशल योग गुरु तैयार करके हमारे देश में योग के परिदृश्य को आकार देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) के निदेशक डॉ. काशीनाथ समागंडी ने कार्यक्रम की शुरुआत गर्मजोशी से अपने स्वागत भाषण के साथ की। उन्होंने इस कार्यक्रम की सफलता में बहुमूल्य योगदान के लिए सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने योग के सार्वभौमिक अभ्यास को बढ़ावा देने में इसके महत्व का उल्लेख किया। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस- 2024 (आईडीवाई-2024) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में आयोजित योग महोत्सव की भूमिका को रेखांकित किया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का यह 10वां संस्करण स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने वाले इस वैश्विक आंदोलन की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि को दिखाता है।
इस कार्यक्रम के तहत सामान्य योग प्रोटोकॉल का एक सीधा प्रदर्शन किया गया, जिसमें संस्थान के निदेशक के नेतृत्व में मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के चिकित्सकों की विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में 5,000 से अधिक योग उत्सुक प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया और सामूहिक रूप से सामान्य योग प्रोटोकॉल में उल्लिखित निर्धारित योग अभ्यासों में शामिल हुए।
यह कार्यक्रम आयुष मंत्रालय, गुजरात योग बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों, राज्य सरकार के प्रतिनिधियों और कई अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों और विशेषज्ञों की उपस्थिति से समृद्ध हुआ। इसके अलावा आदरणीय योग गुरुओं और उनके संदेशों ने कार्यक्रम को उत्कृष्टता प्रदान की, जिससे इसका महत्व और अधिक बढ़ गया। उनकी सामूहिक भागीदारी व मार्गदर्शन ने व्यक्तिगत और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने में योग के महत्व पर जोर देते हुए कार्यक्रम को समृद्ध किया।
मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के साथ मिलकर आयुष मंत्रालय ‘100 दिन, 100 शहर और 100 संगठन’ अभियान के एक हिस्से के तहत सामूहिक योग प्रदर्शनों और सत्रों की एक श्रृंखला आयोजित कर रहा है – जो आईडीवाई- 2024 के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम है। यह पहल विद्यालयों, विश्वविद्यालयों, संस्थानों, कॉलेजों, कॉर्पोरेट निकायों के साथ-साथ सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों सहित हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला के सहयोग से संचालित होती है।