राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) 22 अप्रैल, 2025 को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा उनकी आस्था की पहचान करने के बाद 28 लोगों की हत्या की खबर से बहुत व्यथित है।
आयोग ने घाटी में छुट्टियां मनाने आए निहत्थे और मासूम नागरिकों पर हुए इस कायरतापूर्ण हमले की निंदा की है। आयोग ने कहा है कि इस घटना ने सद्भावन में विश्वास रखने वाले हर व्यक्ति की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है और यह पीड़ितों तथा उनके परिवारों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का एक गंभीर मुद्दा है।
आयोग ने कहा है कि विभिन्न मंचों पर बार-बार कहा गया है कि आतंकवाद दुनिया में मानवाधिकारों के उल्लंघन के सबसे बड़े कारणों में से एक है। आतंकवाद को बढ़ावा देने और उसका समर्थन करने वालों के विरूध कार्रवाई करने और इस खतरे के लिए उन्हें जवाबदेह ठहराने का समय आ गया है। अन्यथा, इसका परिणाम लोकतंत्र का सिकुड़ना, धमकी, प्रतिशोध, समुदायों के बीच सद्भाव और जीवन, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और आजीविका के अधिकार सहित विभिन्न मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हो सकता है।
आयोग ने आशा व्यक्त की है कि राज्य जवाबदेही तय करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा; अपराधियों को कानून के दायरे में लाएगा और पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करेगा।
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