भारतीय राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है जिसमें एक गांव के प्रधान ने एक परिवार के सभी सदस्यों को बहिष्कृत कर दिया। इस परिवार ने तमिलनाडु के तेनकासी जिले के संबावरवदकरई शहर में भूमि अतिक्रमण को लेकर एक व्यक्ति के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू की थी। इस परिवार का समर्थन करने पर सात अन्य परिवारों को भी बहिष्कृत कर दिया गया। बहिष्कार के खिलाफ जिला कलेक्टर के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन करने पर पुलिस ने कथित तौर पर, 8 परिवारों के 30 लोगों को गिरफ्तार किया था।
आयोग ने पाया है कि समाचार रिपोर्ट की सामग्री, यदि सच है, तो यह पीड़ित परिवारों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है। इसलिए, आयोग ने तमिलनाडु में तेनकासी के जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
20 फरवरी, 2025 को प्रसारित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित परिवारों को स्थानीय दुकानों, अन्य सुविधाओं तक पहुंचने और अन्य निवासियों के साथ संवाद करने से रोक दिया गया था। कथित तौर पर, राजस्व प्रभागीय अधिकारी ने ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उसके निर्देशों को रद्द करने के लिए उसके साथ शांति वार्ता आयोजित की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
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