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NITI Aayog has released a roadmap related to transforming India into a leading quantum-driven economy
भारत

नीति आयोग ने “भारत को एक अग्रणी क्वांटम-संचालित अर्थव्यवस्था में बदलने” से संबंधित एक रोडमैप जारी किया

नीति आयोग के फ्रंटियर टेक हब ने आज भारत को एक अग्रणी क्वांटम-संचालित अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए एक रोडमैप जारी किया। यह रोडमैप तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क; तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डी. श्रीधर बाबू; नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. सारस्वत; नीति आयोग के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम; नीति आयोग की विशिष्ट फेलो देबजानी घोष तथा अन्य विशिष्ट अतिथियों एवं गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में जारी किया गया।

क्वांटम प्रौद्योगिकियाँ हमारे समय की सबसे परिवर्तनकारी शक्तियों में से एक बनने की दहलीज़ पर खड़ी हैं। इनका प्रभाव स्वास्थ्य सेवा, वित्त, रसद, सामग्री, ऊर्जा और राष्ट्रीय सुरक्षा सहित कई क्षेत्रों में व्‍यापक होगा। जो राष्‍ट्र आज निर्णायक कदम उठाएंगे, वे न केवल अगली पीढ़ी की कंप्यूटिंग, संचार एवं सेंसरिंग क्षमताओं पर प्रभुत्‍व स्‍थापित करेंगे, बल्कि वैश्विक नवाचार एवं भरोसे की संरचना भी निधार्रित करेंगे।

भारत के लिए क्वांटम की संभावनाएँ प्रौद्योगिकी से कहीं आगे तक जाती हैं। यह भारत के लिए दुनिया में अपनी जगह को नए सिरे से परिभाषित करने का अवसर प्रदान करता है-किसी अग्रणी क्षेत्र में शुरुआत से ही नेतृत्व करने का, बजाय इसके कि दूसरों द्वारा नियम निर्धारित करने के बाद उसका अनुसरण किया जाए। क्वांटम केवल नवाचार का एक और क्षेत्र नहीं है; यह वह आधार है जिस पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जैव प्रौद्योगिकी, उन्नत सामग्री और सुरक्षित डिजिटल बुनियादी ढाँचे का अगला युग निर्मित होगा।

नीति आयोग द्वारा प्रकाशित यह रोडमैप मौजूदा राष्ट्रीय क्वांटम मिशन का लाभ उठाकर इस विजन को साकार करने के लिए स्पष्ट प्राथमिकताएं और कार्यान्वयन योग्य मार्ग प्रस्तुत करता है। यह भारत की वर्तमान स्थिति, रणनीतिक ताकत और महत्वपूर्ण कमियों का एक व्यापक विश्लेषण प्रदान करता है तथा अनुसंधान एवं विकास, व्यावसायीकरण और पारिस्थितिकी तंत्र विकास में तेज़ी लाने के लिए प्रमुख हस्तक्षेपों की पहचान करता है। यह रोडमैप नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों, उद्यमियों, निवेशकों और राज्यों के सामूहिक भूमिका स्वामित्व पर ज़ोर देता है, ताकि वैश्विक स्‍तर पर एक विश्वसनीय और प्रतिस्पर्धी क्वांटम अर्थव्यवस्था का निर्माण किया जा सके।

तेलंगाना सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री डी. श्रीधर बाबू ने कहा, “क्वांटम कंप्यूटिंग एक ऐसे मोड़ को दर्शाता है जहाँ प्रौद्योगिकी गति और पैमाने से आगे बढ़कर उन समस्याओं का समाधान करना शुरू कर देती है जिन्हें कभी असंभव माना जाता था- दवा की खोज एवं जलवायु मॉडलिंग से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा और उन्नत सामग्री तक। कुछ ही वर्षों में क्वांटम के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धता दस गुना से भी अधिक बढ़ गई है, जिससे पता चलता है कि यह क्षेत्र अब प्रयोगात्मक नहीं, बल्कि अपरिहार्य है। तेलंगाना इस क्षण में इरादे और तैयारी के साथ प्रवेश कर रहा है। हम गहन अनुसंधान क्षमताओं का निर्माण कर रहे हैं, कुशल प्रतिभाओं को पोषित कर रहे हैं और उद्योग के लिए नवाचार और तैनाती के मार्ग तैयार कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य केवल अपनाना नहीं है, बल्कि क्वांटम भविष्य को आकार देने में भागीदारी और नेतृत्व करना है।”

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. सारस्वत ने कहा “क्वांटम प्रौद्योगिकियाँ तेज़ी से आर्थिक विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा और वैज्ञानिक खोज की रणनीतिक प्रेरक शक्ति के रूप में उभर रही हैं। भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र का दर्जा प्राप्त करने के लिए हमें क्वांटम कंप्यूटिंग, सुरक्षित संचार, सटीक सेंसिंग और उन्नत सामग्रियों को प्रमुख राष्ट्रीय मिशनों और औद्योगिक क्षेत्रों में एकीकृत करना होगा। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन ने महत्वपूर्ण प्रारंभिक प्रगति को सक्षम बनाया है और यह रोडमैप क्षमता विस्तार, विशिष्ट प्रतिभाओं के विकास और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी प्लेटफ़ॉर्म बनाने के लिए आवश्‍यक बहुत महत्‍वपूर्ण चीजों पर प्रकाश डालता है। सही निवेश और समन्वय के साथ भारत एक सुदृढ़ डिजिटल भविष्य सुनिश्चित कर सकता है और वैश्विक क्वांटम परिदृश्य में एक विशिष्ट स्थान स्थापित कर सकता है।”

नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा, “आने वाले पाँच वर्ष यह तय करेंगे कि भारत क्वांटम प्रौद्योगिकियों का वैश्विक आपूर्तिकर्ता बनेगा या दूसरों पर निर्भर उपभोक्ता। हमें अपने बेजोड़ प्रतिभा आधार, अभियांत्रिकी की गहनता और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना को मिलाकर एक क्वांटम-संचालित भारत का निर्माण करना होगा: एक ऐसा भारत जो वैश्विक स्तर पर विश्वसनीय हो, आर्थिक रूप से प्रतिस्पर्धी हो और रणनीतिक रूप से सुरक्षित हो। साझेदारी में काम करके और तत्परता से कार्य करके हम प्रौद्योगिकी पर निर्भरता कम कर सकते हैं और विश्व स्तर पर ऐसे विश्वसनीय प्लेटफ़ॉर्म बना सकते हैं जो भारत की नवाचार शक्तियों को दर्शाएं।”

नीति आयोग की विशिष्ट फेलो देबजानी घोष ने कहा, “क्वांटम क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धा तेज़ हो रही है और नेतृत्व निर्यात योग्य समाधान विकसित करने, तकनीकी मानकों को आकार देने और सुरक्षित मूल्य श्रृंखलाएँ बनाने की क्षमता पर निर्भर करेगा। यह रोडमैप हमारे अनुसंधान ढाँचे का विस्तार करने, नवाचार-से-बाज़ार मार्ग को सुव्यवस्थित करने और बड़े पैमाने पर प्रतिभाओं को विकसित करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है। शीघ्र निवेश करके और वैश्विक साझेदारिया बनाकर हम भारत को ग्लोबल साउथ और उससे आगे के लिए एक विश्वसनीय क्वांटम साझेदार के रूप में स्थापित कर सकते हैं।”

भारत को एक अग्रणी क्वांटम-संचालित अर्थव्यवस्था में बदलने का रोडमैप नीति आयोग के फ्रंटियर टेक हब द्वारा आईबीएम के सहयोग से, उद्योग और शिक्षा जगत के प्रमुखों की एक विशेषज्ञ परिषद के मार्गदर्शन में विकसित किया गया था। इस लॉन्च में सरकारी अधिकारियों, उद्योग जगत के सदस्यों और विकास भागीदारों की गहरी भागीदारी देखी गई, जो क्वांटम-संचालित अर्थव्यवस्था में भारत के नेतृत्व को आगे बढ़ाने के सामूहिक संकल्प को रेखांकित करता है।

नीति फ्रंटियर टेक हब के बारे में:

नीति फ्रंटियर टेक हब, विकसित भारत के लिए एक ‘एक्शन टैंक’ है। सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत के 100 से ज़्यादा विशेषज्ञों के सहयोग से यह 20 से ज़्यादा प्रमुख क्षेत्रों में परिवर्तनकारी विकास और सामाजिक प्रगति के लिए अग्रणी प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने हेतु 10-वर्षीय रोडमैप तैयार कर रहा है। देश भर के हितधारकों को सशक्त बनाकर और सामूहिक कार्रवाई को बढ़ावा देकर यह हब तत्‍काल कदम उठाने की भावना विकसित कर रहा है, जिससे 2047 तक एक समृद्ध, सुदृढ़ और प्रौद्योगिकी रूप से उन्नत भारत की नींव रखी जा सके।

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