नीति आयोग ने “कृषि की पुनर्कल्पना: अग्रणी प्रौद्योगिकी पर आधारित परिवर्तन के लिए एक रोडमैप” को जारी किया
नीति आयोग के फ्रंटियर टेक हब ने आज “कृषि की पुनर्कल्पना: अग्रणी प्रौद्योगिकी पर आधारित परिवर्तन का रोडमैप” शीर्षक से एक अभूतपूर्व रोडमैप को जारी किया। इस शुभारंभ समारोह में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल, गुजरात के कृषि एवं किसान कल्याण, सहकारिता, पशुपालन एवं गौ प्रजनन राज्य मंत्री श्री रमेशभाई भूराभाई कटारा, कृषि/किसान कल्याण/सहकारिता/पशुपालन/गाय प्रजनन/मत्स्य पालन मंत्री श्री जीतूभाई वघानी, नीति आयोग के सीईओ श्री बीवीआर सुब्रह्मण्यम, गुजरात के मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार डॉ. हसमुख अधिया, गुजरात सरकार की अपर मुख्य सचिव डॉ. अंजू शर्मा, नीति आयोग की कार्यक्रम निदेशक डॉ. नीलम पटेल, नीति आयोग की विशिष्ट फेलो सुश्री देबजानी घोष, उद्योग, शिक्षा और नवाचार इको-सिस्टम के प्रतिष्ठित प्रतिनिधि और अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
यह रोडमैप भारत के विविध कृषि परिदृश्य में उत्पादकता, स्थिरता और आय बढ़ाने के लिए जलवायु-अनुकूल बीजों, डिजिटल ट्विन्स, सटीक कृषि, एजेंटिक एआई और उन्नत मशीनीकरण सहित अग्रणी तकनीकों का उपयोग करने हेतु एक रणनीतिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। किसानों को तीन मुख्य श्रेणियों यानी आकांक्षी, परिवर्तनशील और उन्नत में विभाजित करतेत हुए यह रोडमैप छोटे किसानों से लेकर व्यावसायिक किसानों तक, सभी के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों के प्रति संवेदनशील, अनुकूलित और क्रियाशील समाधान प्रदान करता है।
रोडमैप में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि सही हस्तक्षेप के साथ, भारत कृषि अनुकूलन, समावेशी ग्रामीण समृद्धि और कृषि-तकनीक नवाचार में वैश्विक प्रतिस्पर्धा के नए स्तरों को प्राप्त कर सकता है, जो 2047 तक विकसित भारत के विजन की दिशा में सार्थक योगदान देगा।
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल ने कहा, “ गुजरात भारत के कृषि परिवर्तन का नेतृत्व करने के लिए अद्वितीय स्थिति में है। डिजिटल फसल सर्वेक्षण, डिजिटल कृषि फार्म रजिस्ट्री और आई-खेदुत पोर्टल जैसी पहलों के माध्यम से, हम एक सहज इको-सिस्टम का निर्माण कर रहे हैं, जो खेती के हर चरण में प्रौद्योगिकी को एकीकृत करता है। ये नवाचार हमारे किसानों को फसल रोगों से निपटने, उत्पादकता बढ़ाने और खेती की लागत कम करने वाले अगली पीढ़ी के बीजों और उपकरणों को अपनाने में मदद कर रहे हैं। डिजिटल एकीकरण केवल दक्षता में सुधार के बारे में नहीं है, बल्कि यह हमारे किसानों को सशक्त बना रहा है। विकसित भारत 2047 के विजन को साकार करने के लिए किसान सशक्तिकरण आवश्यक है। एआई, डेटा और सटीक तकनीकों का उपयोग करके, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हर एकड़ अधिक उत्पादक बने, पानी की हर बूंद अधिक मूल्यवान हो और हर किसान अधिक समृद्ध हो।”
नीति आयोग के सीईओ श्री बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने जोर देकर कहा, “भारत में कोई भी दो किसान एक जैसे नहीं हैं और तकनीक को इस विविधता को प्रतिबिंबित करना चाहिए। अग्रणी तकनीकों का वास्तविक प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि हम समाधानों को कितनी अच्छी तरह अनुकूलित करते हैं, चाहे वह छोटे किसान के लिए हो या व्यावसायिक किसान के लिए; मुख्य खाद्यान्न उगाने वाले किसान के लिए हो या बागवानी विशेषज्ञ के लिए। यह रोडमैप महत्वाकांक्षी, परिवर्तनशील और उन्नत किसानों के लिए अलग-अलग रणनीतियों पर जोर देता है। अगर हम सहानुभूति के साथ डिजाइन करें और सटीकता के साथ लागू करें, तो तकनीक वास्तव में आजीविका में बदलाव ला सकती है, जिससे कृषि और भी अधिक अनुकूल, समावेशी और भविष्य के लिए तैयार हो सकती है।”
नीति आयोग की विशिष्ट फेलो सुश्री देबजानी घोष ने कहा, “कृषि एक गहन तकनीकी पुनर्जागरण के कगार पर है। दशकों तक, प्रगति को हेक्टेयर और पैदावार में मापा जाता रहा; अगली क्रांति डेटा, बुद्धिमत्ता और डिजाइन में मापी जाएगी। यह एक नया क्षेत्र है – जहां गति, पैमाना और स्मार्ट एकीकरण ही सफलता को परिभाषित करेंगे। अब सवाल यह नहीं है कि हम बदलाव लाएंगे या नहीं, बल्कि यह है कि हम कितनी जल्दी हर किसान को इस नए भविष्य का सह-निर्माता बना सकते हैं।”
उद्योग और शिक्षा जगत के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में ज्ञान साझेदारों यानी बीसीजी, गूगल और सीआईआई के सहयोग से विकसित इस रोडमैप के शुभारंभ में भारत के कृषि भविष्य को आकार देने के लिए प्रतिबद्ध हितधारकों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई।
नीति फ्रंटियर टेक हब के बारे में:
नीति फ्रंटियर टेक हब, विकसित भारत के लिए एक एक्शन टैंक है। सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत के 100 से ज़्यादा विशेषज्ञों के साथ मिलकर, यह परिवर्तनकारी और समावेशी विकास के लिए अग्रणी तकनीकों का उपयोग करने हेतु 20 से अधिक क्षेत्रों में 10-वर्षीय विषयगत रोडमैप विकसित कर रहा है। यह हब आज 2047 तक एक समृद्ध, सुदृढ़ और तकनीकी रूप से उन्नत भारत के निर्माण हेतु समन्वित कार्रवाई को गति दे रहा है।




