नीति आयोग ने आज इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के सहयोग से ‘रीथिंकिंग होमस्टेज़: नेविगेटिंग पॉलिसी पाथवेज’ शीर्षक से रिपोर्ट जारी की , जिसमें भारत के पर्यटन परिदृश्य में होमस्टे और बीएनबी की क्षमता को अनलॉक करने के लिए एक रणनीतिक कार्ययोजना पेश की।
यह रिपोर्ट नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी द्वारा नीति आयोग के कार्यक्रम निदेशक युगल किशोर जोशी तथा पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और रिपोर्ट में शामिल राज्यों जैसे गोवा, केरल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति में जारी की गई।
एग्रीगेटर्स, मेज़बानों और नीति निर्माताओं से प्राप्त अंतर्दृष्टि के आधार पर, यह रिपोर्ट यात्रियों को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध अनुभव प्रदान करने में होमस्टे की भूमिका पर प्रकाश डालती है और साथ ही स्थानीय उद्यमिता और रोज़गार सृजन को बढ़ावा देती है। यह एक ऐसे पारदर्शी नियामक ढाँचे की आवश्यकता पर बल देती है जो पर्यटकों और घर के मालिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, विरासत की रक्षा करे और समावेशी एवं सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा दे।
इस उद्घाटन समारोह में आईएएमएआई, आईएसपीपी, मेकमाईट्रिप, एयरबीएनबी, चेस इंडिया और द कन्वर्जेंस फाउंडेशन के उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिन्होंने एक जीवंत होमस्टे
इकोसिस्टम को आकार देने में सार्वजनिक-निजी सहयोग के महत्व को रेखांकित किया।
रिपोर्ट इस बात पर भी बल देती है कि होमस्टे में सांस्कृतिक प्रामाणिकता को आजीविका सृजन के साथ जोड़ने की अनूठी क्षमता है, खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में। इसमें मेज़बानों को सशक्त बनाने और उपभोक्ताओं का विश्वास मज़बूत करने के लिए लचीली नीतिगत पहल, क्षमता निर्माण और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के एकीकरण का आह्वान किया गया है। इसमें होमस्टे विकास और प्रशासन के लिए मापनीय मॉडलों को दर्शाने के लिए प्रकरण अध्ययन और राज्य-स्तरीय सर्वोत्तम प्रथाओं को भी शामिल किया गया है।
व्यापक परामर्श के माध्यम से तैयार की गई यह रिपोर्ट नीति निर्माताओं, उद्योग हितधारकों और स्थानीय समुदायों के लिए अनुपालन योग्य सिफारिशें प्रस्तुत करती है, जिसका उद्देश्य भारत में एक लचीला, समावेशी और विरासत के प्रति जागरूक होमस्टे क्षेत्र का निर्माण करना है।