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NITI Aayog unveils Manufacturing Reimagined India Roadmap to Global Leadership in Advanced Manufacturing
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नीति आयोग ने “विनिर्माण पुनर्कल्पना: उन्नत विनिर्माण में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारत का रोडमैप” का अनावरण किया

नीति आयोग के फ्रंटियर टेक हब ने आज “विनिर्माण की पुनर्कल्पना: उन्नत विनिर्माण में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारत का रोडमैप” का अनावरण किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस; महाराष्ट्र के माननीय उपमुख्यमंत्री अजीत पवार; नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम; महाराष्ट्र की राज्य मंत्री माधुरी मिसाल; मुख्यमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार एवं मित्रा के सीईओ प्रवीण परदेशी; नीति आयोग की विशिष्ट फेलो देबजानी घोष; सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी और अन्य विशिष्ट अतिथि तथा गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

यह रोडमैप अग्रणी तकनीकों से लाभ लेने और देश की विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए क्षेत्र-केंद्रित मार्ग प्रस्तुत करता है। इस रोडमैप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग, उन्नत सामग्री, डिजिटल ट्विन्स और रोबोटिक्स की उच्च-प्रभावी सक्षमकर्ताओं के रूप में पहचान है और 13 प्राथमिकता वाले विनिर्माण क्षेत्रों में उनके प्रभावों के बारे में रूपरेखा दी गई है। लक्षित कार्यों के साथ, रोडमैप में देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण का 25 प्रतिशत से अधिक योगदान, 10 करोड़ से अधिक रोजगार सृजन और 2035 तक भारत को उन्नत विनिर्माण के शीर्ष तीन वैश्विक केंद्रों में स्थान दिलाने की परिकल्पना की गई है। यह 2047 में विकसित भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

देश की विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता को सीमित करने वाली वर्तमान बाधाओं को दूर करने के लिए 10 वर्षीय रणनीतिक रोडमैप के माध्यम से क्षेत्र-विशिष्ट तरीकों से अग्रणी प्रौद्योगिकियों की बड़े पैमाने पर तैनाती की सिफारिश की गई है। इसमें अनुसंधान एवं विकास इको-सिस्टम, औद्योगिक बुनियादी ढांचे, कार्यबल विकास को समन्वित रूप से मजबूत करने तथा व्यापक हस्तक्षेपों का विवरण दिया गया है।

रोडमैप में यह चेतावनी भी दी गई है कि यदि भारत उच्च प्रभाव वाले क्षेत्रों में प्रमुख अग्रणी प्रौद्योगिकियों को अपनाने में विफल रहा तो हम अवसर पाने के ऐतिहासिक मौके को गंवा सकते हैं। यह अवसर चूकने से 2035 तक 270 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 2047 तक अतिरिक्त विनिर्माण जीडीपी में 1 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर का नुकसान होने की आशंका है।

महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “महाराष्ट्र, अग्रणी तकनीकों द्वारा संचालित देश के विनिर्माण विकास के लिए इस दूरदर्शी रोडमैप को तैयार करने और इस यात्रा का नेतृत्व करने के लिए पुणे को चुनने के लिए नीति आयोग के प्रति अपना आभार व्यक्त करता है। यदि देश को तीव्र वृद्धि हासिल करनी है, तो यह सामान्य व्यवसाय से संभव नहीं है। फ्रंटियर टेक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी का संगम है। फ्रंटियर टेक विनिर्माण क्षेत्र में स्वचालन, दक्षता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है। महाराष्ट्र राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन के साथ पूरी तरह से जुड़ने वाला और उन्नत विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनने वाला पहला राज्य होगा।”

नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा, “भारत की आर्थिक उन्नति हमारे विनिर्माण क्षेत्र की मजबूती पर निर्भर करती है, लेकिन क्रमिक परिवर्तन पर्याप्त नहीं होंगे। यह रोडमैप 2035 तक उन्नत विनिर्माण महाशक्ति बनने के लिए निर्णायक और समयबद्ध मार्ग निर्धारित करता है और हमारे विनिर्माण डीएनए में सटीकता, लचीलापन और स्थिरता लाने के लिए अग्रणी तकनीकों को एकीकृत करते हुए, विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी ‘मेड इन इंडिया’ पहचान का निर्माण करता है।”

नीति आयोग की विशिष्ट फेलो देबजानी घोष ने कहा, “अग्रणी प्रौद्योगिकियों को हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़, यानी विनिर्माण, का आधुनिकीकरण करना होगा। कार्य करने के अवसर सीमित हैं, और परिवर्तन के लिए पूरे इको-सिस्टम की पुनर्कल्पना आवश्यक है। अपने औद्योगिक डीएनए में प्रौद्योगिकी को समाहित करके, हम 2035 तक विनिर्माण की जीडीपी हिस्सेदारी को 25 प्रतिशत तक बढ़ा सकते हैं, लाखों उच्च-गुणवत्ता वाली नौकरियां पैदा कर सकते हैं, और हमारे कारखानों का नवाचार और राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक बनना सुनिश्चित कर सकते हैं। “

नीति आयोग के फ्रंटियर टेक हब द्वारा, उद्योग जगत के दिग्गजों की विशेषज्ञ परिषद के मार्गदर्शन में, सीआईआई और डेलॉइट के सहयोग से “विनिर्माण की पुनर्कल्पना: उन्नत विनिर्माण में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारत का रोडमैप” विकसित किया गया है। इस लॉन्च में सरकारी अधिकारियों, उद्योग जगत के सदस्यों और इको-सिस्टम के साझेदारों की गहरी भागीदारी देखी गई और इसने विनिर्माण क्षेत्र में भारत के नेतृत्व को आगे बढ़ाने के सामूहिक संकल्प को रेखांकित किया।

नीति फ्रंटियर टेक हब के बारे में:

नीति फ्रंटियर टेक हब, विकसित भारत के लिए एक्शन टैंक है। सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत के 100 से ज़्यादा विशेषज्ञों के सहयोग से, यह 20 से ज़्यादा प्रमुख क्षेत्रों में परिवर्तनकारी विकास और सामाजिक विकास के लिए अग्रणी तकनीकों का उपयोग करने हेतु 10-वर्षीय रोडमैप तैयार कर रहा है। देश भर के हितधारकों को सशक्त बनाकर और सामूहिक कार्रवाई को बढ़ावा देकर यह हब आज ही कार्य करने की तात्कालिकता ला रहा है और 2047 तक एक समृद्ध, लचीले और तकनीकी रूप से उन्नत भारत की नींव रख रहा है।

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