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NLDSL unveils ULIP Hackathon 2.0 and launches Track Your Transport App to address key logistics challenges
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NLDSL ने ULIP हैकाथॉन 2.0 का अनावरण किया और लॉजिस्टिक्स की प्रमुख चुनौतियों से निपटने के लिए ट्रैक योर ट्रांसपोर्ट ऐप शुरू की

एनआईसीडीसी लॉजिस्टिक्स डेटा सर्विसेज लिमिटेड (एनएलडीएसएल) ने यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूएलआईपी) हैकाथॉन 2.0 के शुभारंभ की घोषणा की है। यह लॉजिस्टिक्स उद्योग में दबाव डालने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए नवाचार को बढ़ावा देने और डिजिटल समाधान खोजने के उद्देश्य वाला एक प्रतिस्पर्धी कार्यक्रम है। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अवर सचिव राजीव सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाले कार्यक्रम में हैकाथॉन का आधिकारिक रूप से शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का आयोजन वाणिज्य भवन में किया गया था।

शुभारंभ समारोह में 1800 से अधिक लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और उनमें से कई लोगों ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया, जो इस पहल में बड़े पैमाने पर उद्योग रुचि को दर्शाता है। हैकाथॉन 2.0 भारत के लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला क्षेत्र को नया रूप देने और सुव्यवस्थित करने के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यूएलआईपी हैकाथॉन 1.0 की सफलता के परिणामस्वरूप अत्याधुनिक समाधानों का विकास हुआ और अब हैकाथॉन 2.0 निर्माताओं, स्टार्ट-अप्स और उद्योगपतियों को एक बार फिर, एक साथ आने के लिए आमंत्रित करता है। इस वर्ष, हैकाथॉन का फोकस स्थिरता, जटिल आपूर्ति श्रृंखला प्रक्रियाओं, एकीकृत लिखित प्रमाण और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स ऑप्टिमाइज़ेशन जैसी प्रमुख लॉजिस्टिक्स चुनौतियों का समाधान करने को लेकर है।

इस अवसर पर राजीव सिंह ठाकुर ने कहा, “हम यूएलआईपी हैकाथॉन 2.0 शुरू करने के लिए उत्साहित हैं, यह एक ऐसी पहल है जो रचनात्मकता, समस्या-समाधान और सहयोग को बढ़ावा देती है। हैकाथॉन 1.0 की बड़ी सफलता के बाद हमें विश्वास है कि इस वर्ष का कार्यक्रम भारत के लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम के भविष्य को आकार देने के लिए और अधिक अभिनव समाधान लेकर आयेगा।”

लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में बदलाव लाने की अपनी निरंतर प्रतिबद्धता के तहत, एनएलडीएसएल ने यूएलआईपी द्वारा संचालित ट्रैक योर ट्रांसपोर्ट (टीवाईटी) एप्लीकेशन को शुरू करने की भी घोषणा की। यह ऐप छोटे पैमाने पर काम करने वाले ट्रांसपोर्टरों और व्यापारियों को लॉजिस्टिक्स प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर उन्हें सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें सभी प्रकार की प्रणाली से कार्गो की ट्रैकिंग से लेकर वाहनों और ड्राइवरों का सत्यापन तक शामिल है। टीवाईटी भारी आईटी ढांचागत निवेश की आवश्यकता को समाप्त करता है, जिससे यह असंगठित क्षेत्र के लिए लागत प्रभावी और उपयोगकर्ता के अनुकूल साधन बन जाता है।

एनआईसीडीसी के सीईओ और एमडी तथा एनएलडीएसएल के चेयरमैन रजत कुमार सैनी ने बताया कि छोटे व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों को डिजिटल सशक्तीकरण प्रदान करने के लिये किये गये उनके प्रयासों में टीवाईटी ऐप मील का पत्थर है। उन्होंने कहा, “ऐप परिचालन दक्षता और दृश्यता बढ़ाने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि छोटे पैमाने पर काम करने वाले उद्योग में समान स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।”

कम्पयूटर पर ट्रैक योर ट्रांसपोर्ट ऐप का लाभ www.trackyourtransport.in माध्यम से लिया जा सकता है साथ ही एंड्रॉइड या आईओएस और डिजिटल इंडिया ऐप स्टोर के माध्यम से डाउनलोड किया जा सकता है।

यूएलआईपी के बारे में: यूएलआईपी एक डिजिटल गेटवे है जो उद्योग प्रतिभागियों को एपीआई-आधारित एकीकरण के माध्यम से विभिन्न सरकारी प्रणालियों से लॉजिस्टिक्स-सम्बंधित डेटासेट तक पहुंचने की सुविधा प्रदान करता है। वर्तमान में, यह प्लेटफॉर्म 118 एपीआई के माध्यम से 10 मंत्रालयों की 37 प्रणालियों के साथ जुड़ा हुआ है और 1800 से अधिक डेटा फ़ील्ड को कवर करता है। यूएलआईपी में निजी क्षेत्र की भागीदारी इसके प्रभाव को बढ़ाने में सहायक रही है और यूएलआईपी पोर्टल (www.goulip.in) पर 1000 से अधिक कंपनियां पंजीकृत हैं। इसके अतिरिक्त, इन कंपनियों ने 100 से अधिक एप्लिकेशन विकसित किए हैं, जिनके माध्यम से 54 करोड़ से अधिक एपीआई लेनदेन हुए हैं।

एनएलडीएसएल के बारे में:

एनआईसीडीसी लॉजिस्टिक्स डेटा सर्विसेज लिमिटेड (एनएलडीएसएल), लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक (एलडीबी) और यूएलआईपी जैसे अभिनव समाधानों के माध्यम से भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में बदलाव लाने में सबसे आगे रहा है। उन्नत प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर, एनएलडीएसएल ने उद्योग में दक्षता, पारदर्शिता और डिजिटलीकरण के चलन को बढ़ाया है।

इस कंपनी की स्थापना भारतीय लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में दक्षता बढ़ाने के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का उपयोग करने के प्राथमिक उद्देश्य से 30 दिसंबर, 2015 में की गई थी। यह भारत सरकार के राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास और कार्यान्वयन ट्रस्ट (एनआईसीडीआईटी) और जापानी आईटी प्रमुख एनईसी कॉर्पोरेशन के बीच का एक संयुक्त उद्यम है।

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